नई दिल्ली- 30 अगस्त। लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन पर लगे आरोपों से उन्हें बरी कर दिया है। समिति ने अपनी सिफारिश में अधीर रंजन के निलंबन को वापस लेने की मंजूरी प्रदान की है। यह समिति अपनी सिफारिश लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को देगी। इसके बाद ओम बिरला समिति की सिफारिश को स्वीकार करते हुए अधीर रंजन का निलंबन समाप्त करने की घोषणा करेंगे।
इससे पहले विशेषाधिकार समिति की बैठक में यह तय हुआ था कि अधीर रंजन को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाए। इसी बाबत आज की बैठक में अधीर रंजन ने विशेषाधिकार समिति के सामने अपनी बात रखी। इसमें उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावना को आहत करने का नहीं था। विशेषाधिकार समिति ने अधीर रंजन की बातों पर विश्वास करते हुए निलंबन खत्म करने का प्रस्ताव पारित किया। अब यह प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष को भेजा जाएगा।
विशेषाधिकार समिति की पिछली बैठक में ही अधीर रंजन के खिलाफ मामले को खत्म करने पर लगभग सहमति बन चुकी थी लेकिन लोकसभा अध्यक्ष द्वारा मामला विशेषाधिकार समिति को सौंपे जाने से इसकी रिपोर्ट बनानी जरूरी थी। इसलिए अधीर रंजन को विशेषाधिकार समिति के सामने पेश होकर उनके विचार को जानना जरूरी हो गया था। ताकि विस्तृत रिपोर्ट में सारी बातें लिखी जा सकें।
पिछली बैठक में समिति के एक सदस्य ने यह बात रखी थी कि सत्र समाप्त हो जाने के बाद निलंबन का मामला स्वतः खत्म हो जाता है। उन्होंने समिति को इसके लिए ओडिशा विधानसभा में हुए निलंबन और हाई कोर्ट के फैसले का उदाहरण भी दिया था। इसी बैठक में सभी सदस्यों का यह मानना था कि मामला लोकसभा अध्यक्ष द्वारा भेजा गया है, इसलिए एक बार अधीर रंजन को भी बुलाया जाना चाहिए। ताकि पूरी रिपोर्ट बना कर लोकसभा अध्यक्ष के सामने भेजी जा सके और आगे की कार्रवाई लोकसभा अध्यक्ष करें।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में संपन्न हुए संसद के मानसून सत्र में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण के कारण 10 अगस्त को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था।