लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा क्या सिर्फ जुमला है, या फिर वह दलित महिला को न्याय दिलवाएंगीं? : BJP

रायपुर- 06 अक्टूबर। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री लता उसेण्डी ने छत्तीसगढ़ में महिलाओं की असुरक्षा तथा मासूम बच्चियों से लेकर वृद्ध महिलाओं के साथ हो रहे अनाचार, सामूहिक बलात्कार की घटनाओं को लेकर मुंह में दही जमाए बैठी कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा पर करारा तंज कसा है। उसेण्डी ने कहा कि प्रियंका वाड्रा भूपेश की भाषा बोल रही हैं। जहां से फर्जी आँकड़े भूपेश को मिलते हैं, वहीं से मिले आंकड़े गिनाकर प्रियंका छत्तीसगढ़ को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं।

भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री उसेण्डी ने प्रियंका वाड्रा को याद दिलाया है कि फरवरी में जब कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन रायपुर में हुआ था, तब उनके (प्रियंका वाड्रा के) सचिव ने छत्तीसगढ़ महतारी का अपमान करते हुए कांग्रेस की ही दलित महिला नेत्री से अभद्र व्यवहार किया था। इसकी शिकायत उनके पिताजी ने दर्ज भी कराई थी। नारी शक्ति को सशक्त करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण संबंधी नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित कराया। इसकी बधाई देने जब उक्त दलित महिला नेत्री दिल्ली कांग्रेस कार्यालय पहुंची तो फिर कांग्रेस के लोगों ने उनसे अभद्रता की। उसेण्डी ने प्रियंका वाड्रा से सवाल किया कि ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का नारा क्या सिर्फ जुमला है या फिर उत्पीड़ित दलित महिला नेत्री को न्याय दिलवाएंगी और अपने सचिव को सजा दिलवाएंगी?

कांग्रेस महासचिव प्रियंका पर महिलाओं के उत्पीड़न, उनके साथ छलावा व धोखाधड़ी, वहशियाना बलात्कार, हिंसा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उसेण्डी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस राज में महिलाओं की स्थिति सबसे खराब है तो प्रियंका को मुख्यमंत्री भूपेश से लड़ना चाहिए कि किस बात के लिए वे भरोसे का सम्मेलन, महिला समृद्धि सम्मेलन जैसी सियासी ड्रामेबाजी कर रहे हैं? प्रियंका वाड्रा अपने मुख्यमंत्री से महिलाओं के हक में लड़ें, युवाओं के हक में लड़ें। उन गरीबों के हक में लड़ें, जिनका आवास और अन्न छीना गया है। रही बात गैस सिलेंडर की तो वह मुख्यमंत्री से जवाब तलब करे कि वे चार सिलेंडर कहां हैं, जो 2018 के जन घोषणा पत्र में कांग्रेस दे रही थी।

पूर्व मंत्री उसेण्डी ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने का कोरा जुबानी जमाखर्च करते-करते छत्तीसगढ़ में सुपर सीएम बनाने वाले मुख्यमंत्री से महिलाओं की दयनीय दशा पर चर्चा करनी चाहिए। गंगाजल की कसम खाकर किए गए शराबबंदी के वादे को दरकिनार कर महिलाओं से विश्वासघात किया गया। तेंदूपत्ता बीनने वाली महिलाओं की चरण पादुका तक कांग्रेस की भूपेश सरकार ने छीन ली। विधवा, परित्यक्ता, निराश्रित महिलाओं के हर माह 1500 रुपये के हिसाब से पौने पांच साल के पैसों के बारे में उन्हें मुख्यमंत्री से पूछना चाहिए। वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने वाली महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को न्याय और उनके हक का पारिश्रमिक अब तक नहीं मिला है। एक ओर महिला समृद्धि सम्मेलन में प्रियंका वाड्रा झूठ परोस रही थी, ठीक उसी दिन जगदलपुर में वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने वाली महिलाएँ अपने हक के लिए धरना दे रही थीं। इस सच्चाई से प्रियंका ने मुँह क्यों मोड़ लिया था?

प्रियंका वाड्रा को छत्तीसगढ़ की महिलाओं, गरीबों और युवाओं के हक में आवाज उठानी चाहिए, अन्यथा उनके छत्तीसगढ़ आने का कोई अर्थ नहीं निकल सकता। उसेण्डी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार अपने प्राथमिक दायित्व यानी क़ानून-व्यवस्था बनाये रखने में भी पूरी तरह विफल रही है। प्रदेश में सात हजार से भी अधिक महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हुई हैं एवं तीन हजार से ज्यादा हत्याएं हुई हैं। कुछ दिनों पहले हुई घटना ने छत्तीसगढ़ का नाम शर्मसार किया है, जिसमें एक नाबालिग लड़की को राजधानी में बाल पकड़कर घुमाया गया। आदिवासी बच्चियों के खिलाफ हुए दुष्कर्म में छत्तीसगढ़ समूचे देश में दूसरे नंबर पर है।

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Author: lakshyatak

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