अहमदाबाद- 30 जनवरी। राज्य में जूनियर क्लर्क वर्ग-3 की परीक्षा पेपर लीक मामले में पकड़े गए 15 आरोपितों को वडोदरा कोर्ट ने 11 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर दिया है। सरकारी वकील अनिल देसाई ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी।
गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड की ओर से 29 जनवरी को आयोजित होने वाली परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो गया था। इसके बाद परीक्षा रद्द कर दी गई थी। वडोदरा पुलिस और आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने संयुक्त अभियान चला कर 15 आरोपितों को गिरफ्तार किया था।
भास्कर चौधरी हैं मामले में मुख्य सूत्रधार
समग्र पेपर लीक प्रकरण में वडोदरा के भास्कर चौधरी को पुलिस ने मुख्य सूत्रधार बताया है। इसे सीबीआई ने पहले भी बिहार में पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था। अन्य आरोपित केतन बारोट भी पेपर लीक मामले से जुड़ा है। मामले में एटीएस अधिकारी ने बताया कि परीक्षा के तीन-चार दिन पहले से पेपर लीक संबंधी सूचना मिली थी। इसके आधार पर निगरानी रखी जा रही थी। परीक्षा के एक दिन पहले रात में पुलिस ने वडोदरा के एक कोचिंग क्लास में छापेमारी कर आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पूछताछ में सारा मामला सामने आ गया। पकड़े गए आरोपित बिहार, गुजरात, उड़ीसा और दिल्ली के बताए गए हैं। इस मामले में केतन बारोट और प्रदीप नायक की भी मुख्य भूमिका सामने आई है। गिरफ्तार आरोपितों में प्रदीप नायक उड़ीसा, केतन बारोट गुजरात, भास्कर चौधरी, बिहार, मुरारी पासवान बिहार, मुरारी पासवान बिहार, कमलेश चौधरी बिहार, महंमद फिरोज आलम बिहार, सर्वेश कुमार दिल्ली, मिन्टुकुमार राय बिहार, मुकेशकुमार बिहार, प्रभात कुमार बिहार, अनिकेत भट्ट गुजरात, राज बारोट गुजरात, प्रणय शर्मा गुजरात, हार्दिक शर्मा बिहार और नरेश मोहंती गुजरात के नाम शामिल है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में जूनियर क्लर्क के 1,181 पदों के लिए 2995 परीक्षा केन्द्रों पर होने वाली परीक्षा में 9.53 लाख परीक्षार्थी शामिल होने वाले थे। पेपर लीक के बाद यह परीक्षा रद्द कर दी गई और आगामी एक सौ दिन के भीतर दोबारा परीक्षा लेने की घोषणा गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड ने की है।
