मधुबनी- 11 नवंबर। जिला मुख्यालय रामकृष्ण महाविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग में भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिवस एवं राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. मृणाल कुमार झा ने किया। अध्यक्षीय भाषण करते हुए डा. मृणाल कुमार झा ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद के द्वारा पूर्व में बनायी गयी शिक्षा नीति एवं सिद्धांत वर्तमान समय में प्रासंगिक है। डॉ. जावेद अहमद ने कहा कि शिक्षा में मौलाना आजाद का बहुमूल्य योगदान है। उन्होंने कहा कि मौलाना आजाद सादगी के प्रतीक थे। साथ ही उन्होंने उनकी किताबों पर विस्तार से चर्चा किया। डा. रवींद्र कुमार सिंह ने कहा कि जिस प्रकार डा. अम्बेदकर का संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है, उसी प्रकार मौलाना आजाद का भारतवर्ष में शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। डॉ. मनीष कुमार झा ने कहा कि मौलाना आजाद की यह सोंच थी कि शिक्षित समाज से ही राष्ट्र का निर्माण संभव है। डॉ. शहजाद मंजर ने कहा कि मौलाना आजाद के बताये गये मार्गो का अनुसरण छात्र छात्राओं को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यू.जी.सी.,आई.आई.टी,खड़गपुर,साहित्य अकादमी,संगीत कला एवं नाट्य कला अकादमी आदि मौलाना आजाद की ही देन है। मंच संचालन डॉ. जावेद अहमद ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन डा. शहजाद मंजर ने किया। मौके पर डॉ. विक्रम सिंह,डॉ. रूबी कुमारी, डॉ. विजय शंकर,इरफान अहमद, प्रभात कुमार, उमेश कुमार सिंह,आनन्द कुमार,अभिषेक कुमार उपस्थित थे। साथ ही छात्र छात्राओं ने मौलाना आजाद के सिद्धांतों को अपने जीवन मे अमल करने का संकल्प लिया।
