मधुबनी-11 नवंबर। जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में बाल श्रम,बाल विवाह,मानव व्यापार से संबंधित जिला स्तरीय समितियों की संयुक्त बैठक तथा बंधुआ श्रमिकों की पहचान,विमुक्ति एवं पुनर्वास से संबंधित जिला निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि प्रत्येक समाज का यह दायित्व होता है कि बच्चों को उनका अधिकार प्राप्त हो। 14 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिले। उन्होंने कहा कि कम उम्र में बच्चों पर काम का ज्यादा बोझ शारीरिक व मानसिक विकास अवरूद्ध बन जाता है। बच्चों का स्थान विद्यालय में है। वहीं जिलाधिकारी के द्वारा जिला पंचायत राज पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि वे सभी पंचायत में गठित पंचायत स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक सुनिश्चित करवाएं तथा बैठक से सबंधित प्रतिवेदन के साथ अगली बैठक में उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा सभी पंचायतों में एक माइग्रेशन पंजी संधारित करवाकर उसका प्रतिवेदन भी उपलब्ध कराएंगे। जिलाधिकारी के द्वारा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एसएसए को वित्तीय वर्ष 2023-24 में विमुक्त 38 बाल श्रमिकों तथा 2022-23 में विमुक्त 21 बाल श्रमिकों के विद्यालय में नामांकन तथा नामांकन के पश्चात उनकी स्कूल में नियमित उपस्थिति से संबंधित प्रतिवेदन संबंधित प्रधानाध्यापक एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से प्राप्त कर अगली बैठक में अद्यतन प्रतिवेदन के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया गया। जबकि बाल श्रम से संबंधित विषयों पर श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में धावा दल के द्वारा बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु किए गए कार्यों एवं पुनर्वास से संबंधित किए गए अन्य कार्यों की विस्तृत प्रस्तुति जानकारी दी गई। तथा संबंधित श्रम कानून एवं राज्य कार्य योजना के विषय में जिला टास्क फोर्स के सभी सदस्यों को विस्तार से जानकारी दी गई। बैठक में उप विकास आयुक्त विशाल राज,जिला पंचायती राज पदाधिकारी,डीपीओ आईसीडीएस विनिता कुमारी,प्रभारी सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई आशीष अमन,पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) प्रभाकर तिवारी,जिला पशुपालन पदाधिकारी,जिला कल्याण पदाधिकारी,सर्वो प्रयास संस्था की निर्मला कुमारी,बाल संरक्षण पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।
