धर्मशाला- 30 जनवरी। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कुछ ऐतिहासिक तथ्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि हिन्दु शब्द भूगौलिक है धार्मिक नही। उन्होंने कहा कि केरल के राष्ट्रीय विचारों के विद्वान राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खां ने एक सदी पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खान के हवाले से एक अत्यन्त महत्वपूर्ण बात कही है। उन्होंने कहा जो कोई भी भारत में पैदा हुआ भारत का अन्न और जल ग्रहण करता है वह हिन्दु है।“ आरीफ मुहम्मद खां कई बार इस प्रकार के विचार प्रकट कर चुके हैं। वे कहते हैं कि उन्हें भी हिन्दू समझा जाए।
शांता कुमार ने कहा सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायधीश छागला ने कहा था कि ”मेरी रगों में ऋषि मुनियों का खून दौड़ता हैं, मेरे पुरखों ने केवल पूजा करने का तरीका बदला था।“ उन्होंने कहा कश्मीर के शेख अबदुल्ला कई बार कह चुके हंै कि उनके पूवर्ज कश्मीरी पण्डित थे इसलिए वे केवल शेख नही कश्मीरी पण्डित हंै। शांता कुमार ने कहा भारत के एक विद्वान वेद प्रताप वैदिक ने भी इन्हीं विचारों का समर्थन करके कहा है कि हिन्दू शब्द भूगौलिक है धार्मिक नही।
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने अपने विश्व प्रसिद्ध शिकागो के भाषण में यही बात कही थी कि हिन्दुत्व पूजा पद्धति नहीं है। यह पूजा पद्धतियों की नदियों का महा समुंदर है। जिस प्रकार हर नदी अपने अपने रास्ते से चल कर एक समुंदर में पहुंचती है उसी प्रकार सभी धर्मांे के रास्ते एक ही परमेश्वर के पास पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि हिमालय से लेकर समुंदर तक इस भारत को जो व्यक्ति अपनी पुण्य भूमि और पितृ भूमि समझता है वह हिन्दु है। शांता कुमार ने कहा कि यदि इस सच्चाई को भारत ने स्वीकार किया होता तो 1947 में भारत का विभाजन न होता लाखों बेगुनाहों का नर संहार न होता और करोड़ों विस्थापित न होते। आज भी भारत इस सच्चाई को स्वीकार करे तो सब से बड़ी समस्या समाप्त हो जाये।
