नई दिल्ली- 03 मार्च। दिल्ली हाई कोर्ट ने श्रीनगर के पासपोर्ट अथॉरिटी को निर्देश दिया है कि वो जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के पासपोर्ट का नवीकरण करने पर तीन महीने के अंदर फैसला करे। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने ये आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील कीर्तिमान सिंह ने कहा कि श्रीनगर के पासपोर्ट अथॉरिटी को निर्देश दिया गया है कि वो महबूबा मुफ्ती के पासपोर्ट नवीकरण के आवेदन पर नए सिरे से विचार करे। महबूबा मुफ्ती ने याचिका दायर कर मांग की थी कि पासपोर्ट का नवीकरण निरस्त करने के आदेश के खिलाफ की गई उनकी अपील पर जल्द फैसला करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए।
कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि मामला क्षेत्रीय पासपोर्ट दफ्तर को भेज दिया गया है। मुफ्ती का पासपोर्ट नवीकरण का आवेदन खारिज करने के बाद दायर की गई अपील करीब दो साल से लंबित है। ऐसे में श्रीनगर पासपोर्ट अथॉरिटी तीन महीने में इस पर फैसला करे।
दरअसल मुफ्ती ने 2020 में श्रीनगर के पासपोर्ट दफ्तर में अपने पासपोर्ट के नवीकरण के लिए आवेदन दिया था। जब नवीकरण की उनकी अर्जी खारिज कर दी गई तो मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट में याचिका दायर की। 2021 में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने उनकी याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने कहा था कि किसी व्यक्ति को पासपोर्ट जारी करने पर उसके अधिकार सीमित हैं। वो केवल पासपोर्ट अथॉरिटी को जल्द फैसला करने का आदेश दे सकती है।
दरअसल जम्मू-कश्मीर सीआईडी ने मुफ्ती को पासपोर्ट नहीं देने की अनुशंसा की थी। अप्रैल 2021 में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने मुफ्ती को ये छूट दी कि वो सक्षम अथॉरिटी के पास अपनी शिकायत लेकर जा सकती हैं।