मुजफ्फरपुर- 18 मई। बिहार में मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर उस समय हड़कंप मच गया जब रेलवे पुलिस की टीम ने सद्भावना एक्सप्रेस के स्टेशन पर रुकते ही सभी बोगियों में प्रवेश किया और एक-एक कर 12 युवतियों और 09 युवकों का रेस्क्यू किया। सभी को ट्रेन से निकाल कर रेलवे पुलिस की टीम जीआरपी थाना पहुंची एक-एक कर सभी से पूछताछ की गई।
इस बाबत हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में गुरुवार को रेलवे एसपी डॉक्टर कुमार आशीष ने बताया कि एक आयुर्वेदिक कंपनी का फ्रेंचाइजी लेकर रक्सौल थाना क्षेत्र के नाहर चौक के समीप कंपनी का कार्यालय खोला गया था। इसमें इन सभी बच्चें-बच्चियों को ट्रेनिंग दी जा रही थी। इससे पूर्व इस कंपनी के कर्मी और उसके मालिक के खिलाफ एक महिला ने रक्सौल थाना में यौन शोषण एवं अन्य धाराओं में कांड दर्ज कराया था। इसको लेकर पुलिस की टीम ने वहां छापेमारी की थी। इस दौरान वहां से आरोपित सभी भाग गए थे।
इसके बाद सभी ने वहां से अपने शहर लौटने का प्लान बनाया और एक साथ सभी 21 लड़के-लड़कियां वापस हो रहे थे। इसकी सूचना पटना महिला हेल्पलाइन से रेलवे पुलिस को प्राप्त हुई। इसके बाद सद्भावना एक्सप्रेस से सभी को डिटेन किया गया। किसी प्रकार की शोषण और यौन शोषण की बातें सामने नहीं आई है। सभी लड़कियों को, जिसमें कुछ नाबालिग भी हैं, महिला हेल्पलाइन के हवाले कर दिया गया है।
लड़कों को पुलिस के साथ रखा गया है। इसकी जानकारी सभी बच्चों के परिजनों को दे दी गई है। जैसे-जैसे परिजन उनके आएंगे उनके बच्चे उनके साथ चले जाएंगे। फिलहाल जो रक्सौल में दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज हुआ है उस कांड से इन सभी 21 बच्चों का कोई लेना-देना नहीं है। पूछताछ में यही चीजें सामने आई हैं।
