देहरादून- 05 जुलाई। उत्तराखंड सरकार ने मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए सितंबर माह तक के लिए राजकीय कर्मियों के अवकाश पर रोक लगा दी है। इन दिनों में अपरिहार्य कारणों में अवकाश मिल सकेगा। इसके लिए मुख्य सचिव की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि उत्तराखण्ड राज्य प्राकृतिक आपदा की दृष्टि से अत्यन्त संवेदनशील है। मानसून अवधि में राज्य में अतिवृष्टि, बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने आदि प्राकृतिक आपदाओं से राज्य के कतिपय जनपद अत्यधिक प्रभावित होते हैं, जिससे राज्य में जन-जीवन अस्त-व्यस्त होता है और शासकीय एवं निजी परिसम्पत्तियों, जनहानि, पशुहानि एवं कृषि योग्य भूमि आदि की क्षति होती है। इस स्थिति में प्रभावित लोगों को तत्काल राहत उपलब्ध कराना एवं राहत सामग्री वितरण एवं विद्युत, पेयजल परिवहन आदि को सुचारू करने में शासकीय अधिकारियों, कार्मिकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। शासन स्तर पर मानसून की तैयारियों से सम्बन्धित समीक्षा बैठक में यह बात संज्ञान में आई है कि कतिपय अधिकारी, कर्मचारी अपने विभागीय उच्चाधिकारियों से लम्बी अवधि का अवकाश स्वीकृत कराते हुए अवकाश के उपभोग के लिए प्रस्थान कर जाते हैं, जिससे मानसून अवधि में बचाव एवं राहत कार्यों में व्यवधान उत्पन्न होता है। इसलिए शासन स्तर पर सम्यक विचार के बाद मानसून अवधि 30 सितम्बर तक अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़ते हुए किसी भी अधिकारी, कर्मचारी का अवकाश स्वीकृत न किया जाए। यदि अपरिहार्य परिस्थिति में किसी अधिकारी, कर्मचारी को अवकाश स्वीकृत किया जाता है तो अवकाश स्वीकर्ता अधिकारी का यह भी दायित्व होगा कि अवकाश स्वीकृति आदेश में ही प्रतिस्थानी की व्यवस्था भी सुनिश्चित करें।