बेगूसराय- 19 जनवरी। जन अधिकार पार्टी (जाप) के सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा है कि बिहार की राजधानी पटना से लेकर सभी शहर और ग्रामीण क्षेत्र तक अपराधियों के शिकंजे में फंस गया है। बिहार के अपराधियों को अब जेल नहीं श्मशान भेजा जाए, अपराधियों का या तो एनकाउंटर हो या फिर स्पीडी ट्रायल कर तीन महीने के अंदर फांसी की सजा।
बेगूसराय में 16 जनवरी को मारे गए स्वर्ण व्यवसायी रवि रोशन उर्फ रेड्डू के परिजनों से मिलने गुरुवार को आए पप्पू यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए यह बात कही है। पप्पू यादव कहा कि बिहार में अपराधियों को पाला जा रहा है। पैसा लेकर हत्या करने वाले शूटरों को नेताओं और प्रशासन का संरक्षण मिल रहा है। जमीन, बालू और शराब के लिए राजधानी से लेकर बिहार के सभी शहर और ग्रामीण क्षेत्रों तक हत्याएं हो रही है, अपराध का माहौल बना दिया गया है।
व्यवसायी परेशान हैं, निवेश नहीं होने से रोजगार का कोई साधन नहीं है। आम आदमी को जीने का अधिकार देने के बदले नेता अपराधी को पाल रहे हैं। आखिर इन अपराधियों को श्मशान क्यों नहीं भेजा जा रहा है। तीन महीने में स्पीडी ट्रायल कर सजा क्यों नहीं दी जा रही है। उन्हें जेल भेजा जा रहा है, पुलिस सही तरीके से चार्जशीट नहीं करती है, गवाह नहीं मिलता है, उनकी बेल हो जाती है। ऊपर से जेल तो अपराध की सेंट्रल यूनिवर्सिटी है, वहां अपराध कैसे हो उसका प्रशिक्षण दिया जाता है।
समाज जाति के आधार पर अपराधियों को संरक्षण देती है। मरने वाले और मारने वाले की सबसे पहले जाति पूछी जाती है। अपराधी चुनाव जीत रहा है, नगर निगम में बड़ी संख्या में करोड़ों खर्च कर अपराधी जनप्रतिनिधि बन गए हैं। नेता अपराधी के बगैर चुनाव नहीं जीत पाता है, वह अपने जाति को अपराधी को पालता है। अपराधियों ने मिलकर बेगूसराय को तबाह कर दिया है, पुलिस इन अपराधियों को मार दे। लेकिन मारेगी नहीं, वह तो वसूली में लगी रहती है। दस क्रिमिनल जब किसी जिला को तबाह कर रहा है तो पुलिस उसे पकड़ कर जेल क्यों भेजती है, उसे श्मशान भेजा जाए, जो अपराधी जेल में है उसे जेल में ठोका जाए।
बेगूसराय ही नहीं, दरभंगा और हाजीपुर सहित कई शहरों के व्यवसाय असुरक्षित हैं। जनप्रतिनिधि नपुंसक रहेगा तो लोग सुरक्षित कैसे रहेंगे, नपुंसक जनप्रतिनिधियों का सामाजिक बहिष्कार हो, फूल की माला के बदले उन्हें चप्पल की माला पहनाई जाए, ताली बजाने सड़ा टमाटर फेंका जाए। क्योंकि यही लोग सिस्टम को गंदा करते हैं। बिहार में कोई जगह जीने की नहीं बच गई है। रवि रोशन हत्या मामले की जांच न्यायाधीश के नेतृत्व में पटना की एसआईटी टीम करे। परिवार की सुरक्षा की जिम्मेवारी हो, व्यवसायियों के गढ़ में पुलिस चौकी बने।
