नई दिल्ली- 12 मार्च। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कर्नाटक के धारवाड़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारतीय लोकतंत्र पर की गई टिप्पणियों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। प्रधानमंत्री ने उनका नाम लिए बिना कहा कि भारत ना केवल एक बड़ा लोकतंत्र है बल्कि लोकतंत्र की जननी भी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लंदन में भारतीय लोकतंत्र पर सवाल उठाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की भारतीय लोकतंत्र पर सवाल उठाने की आदत हो गई है।
प्रधानमंत्री ने आज यहां आईआईटी धारवाड़ को राष्ट्र को समर्पित किया। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने सिद्धारूढ़ स्वामीजी हुबली स्टेशन एवं होसपेटे-हुबली-तीनाईघाट खंड के विद्युतीकरण और होसपेटे स्टेशन के उन्नयन का लोकार्पण, हुबली-धारवाड़ स्मार्ट सिटी की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास तथा जयदेव अस्पताल और शोध केंद्र की आधारशिला रखी।
इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र पर प्रश्न उठाने वाले लोग असल में भगवान बसवेश्वरा का अपमान कर रहे हैं। भारत की लोकतंत्र की जड़ें सदियों के इतिहास से खींची गई हैं। दुनिया की कोई ताकत इन लोकतांत्रिक परंपराओं को नुकसान नहीं पहुंचा सकती।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अच्छा और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर आम आदमी के जीवन को आसान बनाता है। पिछले नौ सालों में ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों का जाल दोगुना हो गया है। केवल सड़कें ही नहीं बल्कि एयरपोर्ट और रेलवे का भी जबरदस्त विस्तार हुआ है। लोगों को स्वच्छ जल पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में आज कनेक्टिविटी के मामले में एक नया माइलस्टोन हासिल किया है। अब सिद्धारूढ़ स्वामीजी हुबली स्टेशन पर दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफार्म है। यह विस्तार है उस सोच का जिसमें हम इंफ्रास्ट्रक्चर को प्राथमिकता देते हैं।
उन्होंने कहा कि हमने देश में एम्स की संख्या को 3 गुना कर दिया है। पिछले 7 दशकों में 380 मेडिकल कॉलेज बनाए गए थे, वहीं पिछले 9 सालों में 250 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा अच्छे शिक्षण संस्थानों से जुड़ी है। ज्यादा संस्थानों से ज्यादा लोगों तक बेहतरीन शिक्षा पहुंचती है। उन्होंने कहा कि आईआईटी धरवाड़ भाजपा की संकल्प से सिद्धि का एक उदाहरण है। चार साल पहले उन्होंने इस संस्थान की नींव रखी थी, लेकिन कोविड-19 के बावजूद इसे चार वर्षों में तैयार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के डबल इंजन सरकार कर्नाटक के हर जिले, हर गांव, हर कस्बे का पूर्ण विकास ईमानदारी के साथ कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने आज यहां आईआईटी धारवाड़ को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री द्वारा फरवरी 2019 में संस्थान की आधारशिला रखी गई थी। 850 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किए गए इस संस्थान में वर्तमान में 4 वर्षीय बी.टेक, अंतर-अनुशासनात्मक 5-वर्षीय बीएस-एमएस, एम.टेक और पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की जा सकेगी।
प्रधानमंत्री सिद्धारूढ़ स्वामीजी हुबली स्टेशन पर दुनिया के सबसे लंबे रेलवे प्लेटफॉर्म का भी लोकार्पण किया। इस रिकॉर्ड को हाल ही में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा मान्यता दी गई है। 1507 मीटर लंबे इस प्लेटफॉर्म को लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है।
प्रधानमंत्री इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए होसपेटे-हुबली-तीनाईघाट खंड के विद्युतीकरण और होसपेटे स्टेशन के उन्नयन का लोकार्पण किया। 530 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित, विद्युतीकरण परियोजना विद्युत कर्षण पर निर्बाध ट्रेन संचालन की सुविधा देती है। पुनर्विकसित होसपेटे स्टेशन यात्रियों को आरामदायक और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा। इसे हम्पी स्मारकों के अनुरूप डिजाइन किया गया है।
प्रधानमंत्री हुबली-धारवाड़ स्मार्ट सिटी की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत लगभग 520 करोड़ रुपये है। ये प्रयास सार्वजनिक स्थानों को स्वच्छ, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाकर जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करेंगे और शहर को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप एक शहर में बदल देंगे।
प्रधानमंत्री ने जयदेव अस्पताल और शोध केंद्र की आधारशिला भी रखी। करीब 250 करोड़ रुपये की लागत से अस्पताल को विकसित किया जाएगा, जो यह क्षेत्र के लोगों को ह्रदय संबंधी रोगों के लिए तृतीयक स्तर की देखभाल सुविधा प्रदान करेगा। इस क्षेत्र में जल आपूर्ति को और बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री धारवाड़ बहु-ग्राम जलापूर्ति योजना की आधारशिला रखेंगे, जिसे 1040 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जाएगा। वे तुप्पारीहल्ला बाढ़ क्षति नियंत्रण परियोजना की आधारशिला भी रखेंगे, जिसे लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करना है। परियोजना में दीवारों को बनाए रखना और तटबंधों का निर्माण करना शामिल हैं।