MADHUBANI:- डीएम ने की कृषि टास्क फोर्स की बैठक, कहा- इच्छुक किसानों को हरहाल में विधुत कनेक्शन दें

मधुबनी-01 अगस्त। जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला स्तरीय कृषि टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई। उन्होंने डीजल अनुदान,बीज वितरण,प्रतिरक्षण किट का वितरण,रोपनी की स्थिति,नहरों से सिंचाई,नलकूप,उर्वरक की उपलब्धता आदि का समीक्षा कर संबधित अधिकारियों को निर्देश भी दिये। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में जुलाई माह में अभी तक वर्षापात की स्थिति को देखते हुए सिंचाई के अन्य साधनों पर विशेष रूप से ध्यान देना होगा। उन्होंने ने कहा कि जुलाई माह में सामान्य से 40 प्रतिशत वर्षापात कम हुई है। समीक्षा के क्रम में जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि अभी तक मात्र 45 प्रतिशत ही धान की रोपनी हुई है। जिलाधिकारी ने जल-संसाधन विभाग के अभियंताओं को निर्देश दिया कि नहरों के अंतिम छोर तक पानी पहुँचे, इसको लेकर नहर प्रमंडल के सभी पदाधिकारी प्रतिदिन क्षेत्र में जाकर नहरों में रही जलापूर्ति पर नजर रखे।’ किसानों से मिलकर पटवन की स्थिति जाने। डीजल अनुदान के समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि अभी तक कुल 5330 किसानों ने डीजल अनुदान हेतु आवेदन दिए हैं। प्राप्त आवेदनों में से कुल 763 आवेदनों को जांच उपरांत निष्पादित किया गया है। जिलाधिकारी ने जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया प्राप्त आवेदनों का तेजी से जाँच कर कि सभी पात्र किसानों को ससमय पूरी सहजता के साथ उनके खाते में डीजल अनुदान की राशि उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें।उन्होंने कहा कि जिले के किसानों को डीजल अनुदान उपलब्ध करवाने में किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता बर्दाश्त नही की जाएगी। उन्होंने कार्यपालक अभियंता नलकूप को निर्देश दिया कि बंद पड़े नलकुपो को’ ’शीघ्र मरम्मति कर चालू करवाना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि सिंचाई के लिए सुदूर खेतों तक तेजी के साथ विद्युत संबद्धता प्रदान करना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने बैठक में उपस्थित कार्यपालक अभियंता विद्युत को निर्देश दिया कि जिले में जिन इच्छुक किसानों के खेतों में बिजली का खंबा उपलब्ध है। वहां शत प्रतिशत इच्छुक किसानों को जल्द से जल्द विद्युत संबद्धता प्रदान करे। साथ ही साथ ही उन्होंने जले हुए ट्रांसफार्मर को जल्द से जल्द बदलने के निर्देश भी दिए।उन्होंने कृषि फीडर से निर्बाध 12 घण्टे प्रतिदिन बिजली उपलब्ध करवाने को लेकर विधुत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने नलकूपों की मरम्मती और नव निर्माण में गति लाने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बंद पड़े नलकुपो को शीघ्र चालू करवाना सुनिश्चित करवाये,विशेषकर विधुत दोष से बंद पड़े नलकूप को शीघ्र ठीक करवाकर चालू करवाये। उर्वरक की उपयोगिता के समीक्षा के क्रम में पाया गया कि जिले में 19595 एमटी यूरिया उपलब्ध है। 6172 एमटी डीएपी उपलब्ध है, 722 एमपी उ.व.च. उपलब्ध है। 1653 एमओपी  उपलब्ध है और 533 एमटी एसएसपी उपलब्ध है।  जिला कृषि ऋपदाधिकारी ने बताया कि जीविका के सहयोग से जिले के किसानों के बीच 1000 प्रतिरक्षण किट का वितरण कियाऋ गया है। इस कीट बीज, पेप्टिसाइड उर्वरक आदि होते हैं। उन्होंने कहा कि 2437 क्विंटल बीज का भी वितरण किया गया है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया की उर्वरक की उपलब्धता एवं बिक्री पर सतत निगरानी रखे। किसी भी स्थिति में उर्वरकों की कालाबाजारी की शिकायत’ नही मिलनी चाहिये। पैक्स द्वारा संबद्ध मिलरों को धान की जमा करने की समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी बीसीओ अपने संबंधित पैक्स का निरीक्षण करेंगे और निरीक्षण के क्रम में पैक्स द्वारा शिथिलता या लापवाही पाए जाने पर संबंधित पैक्स के विरुद्ध करवाई सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि सम्बद्ध मिलरों को धान जमा करने में अनावश्यक बिलंब करने वाले पैक्स पर निश्चित रूप करवाई करे। बैठक में डीपीआरओ सह आपदा प्रभारी परिमल कुमार,प्रभारी जिला आपूर्ति पदाधिकारी,अमेत विक्रम बेनामी,जिला कृषि पदाधिकारी ललन कुमार चैधरी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, अजय कुमार भारती, जिला प्रबंधक राज्य खाद्य निगम, पंकज कुमार श्रीवास्तव, सहायक निदेशक उद्यान,राकेश कुमार, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, शंभू प्रसाद यादव, सहायक निदेशक एग्रोनॉमी, राकेश कुमार सहित जिले के अग्रणी किसान और मिल मालिक उपस्थित थे।

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Author: lakshyatak

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