मोतिहारी- 05 जनवरी। जिले में सहकारिता विभाग की लापरवाही के कारण किसान धान बिचौलियों को औने पौने दाम पर धान बेचने को मजबूर है,वहीं दूसरी ओर कई पैक्स फर्जी तरीके महज कागज पर धान खरीदकर मालोमाल हो रहे है।
जानकारी के मुताबिक जिले के कई पैक्स वैसे किसानों के नाम पर धान खरीद कर रहे जिसके पास न जमीन है नही वो खेती करते है।वही सहकारिता विभाग अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस फर्जीवाड़ा को मौन सहमति प्रदान कर सरकार से मिलने वाले राशि का भारी घोटाला किया जा रहा है।सही मायने में जिले में अगर धान खरीद की सूक्ष्मता से जांच किया जाय तो महज कुछ पैक्सों को छोड़ बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और घोटाला सामने आ सकता है।
इस मामले का रहस्य तब सामने आया है,जब जिले के पहाडपुर प्रखंड के तेजपुरवा पंचायत के एक किसान रविन्द्र ठाकुर ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से पुख्ता सबूत देते हुए डीएम,डीडीसी,एसडीओ व जिला सहकारिता पदाधिकारी को आवेदन देकर धान खरीद की जांच की मांग किया है।किसान ने आवेदन में कहा है,कि बिना जमीन वाले और बिना जमीन वाले किसान के नाम पर गलत खेसरा व खाता डालकर पैक्स अध्यक्ष व सहकारिता विभाग से मिलीभगत के फर्जी तरीके से सैकड़ो किविंटल धान की खरीदारी की गयी है।
उन्होंने बताया है,कि सहकारिता विभाग के पोर्टल पर किसान राजकिशोर पाण्डेय के नाम पर तेजपुरवा पैक्स द्वारा 167 किविंटल धान की खरीद की गई।जबकि पोर्टल पर दिया गया लालजी पाण्डेय का खाता खेसरा डालकर खरीदारी बताया जा रहा है।वहीं झुना पाण्डेय के नाम पर 170 किविंटल धान की खरीद किया गया है।उक्त किसान पर भी लालजी पाण्डेय का ही खाता खेसरा डाला गया है।राजेश पाण्डेय के द्वारा 143 किविंटल धान पैक्स में बिक्री किया गया है।जबकि इनके द्वारा दर्शाया गया खाता खेसरा गणेश ठाकुर के नाम का दिया गया है।पैक्स अध्यक्ष व सहकारिता विभाग की मिलीभगत से दूसरे किसान का खाता खेसरा गलत ढंग से डालकर व्यापारियों से धान खरीदकर कर सरकारी राजस्व की क्षति की जा रही है।
जबकि पंचायत के किसान मजबूर होकर बिचौलिया के हाथों 14 सौ रुपया किविंटल धान बेचने को मजबूर है।हालांकि इस पूरे मामले पर सहकारिता विभाग के अधिकारियो से बात करने की कोशिश की गई लेकिन बात नही हो सकी है।
