गया- 03 जनवरी। बिहार के बोधगया में दलाईलामा इंस्टीट्यूट की बनने वाली बिल्डिंग के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक और फिर तंज कसा है।
पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह द्वारा लगातार सीएम नीतीश कुमार को टारगेट किए जाने को लेकर उनका तंंज है। सुशील मोदी ने इसे लालू के इशारे पर किया जाना बताया है। कहा है कि लालू और नीतीश के बीच तय हुआ था कि वर्ष 2023 के प्रारंभ में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बना देंगे और सीएम नीतीश देश की राजनीति करेंगे। किंतु वे पलटी खा गए और अब 2025 में तेजस्वी को बिहार की कमान देने की बात कह रहे हैं। 2025 कौन देखा है, लालू ने जगता बाबू और सुधाकर सिंह को लगा दिया है ।
सुशील मोदी ने कहा है कि 2025 कौन देखा है। ऐसे में लालू प्रसाद यादव ने जगदानंद सिंह और उनके पुत्र सुधाकर सिंह को लगा दिया है। दोनों लालू के इशारे पर बोल रहे हैं. यह चूहे बिल्ली का खेल चल रहा है। शह-मात का खेल अंदरूनी तौर पर चल रहा है।
कहा कि लालू और नीतीश एक दूसरे को बेहतर तरीके से जानते हैं। लालू प्रसाद यादव को पता है कि नीतीश ने तीन बार धोखा दिया है और चौथी बार भी वह धोखा देंगे। उनके बीच यह तय हुआ था कि 2023 की शुरुआत के बाद तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बना देंगे और नीतीश खुद देश की राजनीति में उतर जायेंगे, लेकिन ऐसा नहीं कर नीतीश पलटी मार रहे हैं और 2025 में तेजस्वी यादव को बिहार का नेतृत्व देने की बात कह रहे हैं।
पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार की विपक्षी एकता वाला अभियान टायं टायं फिस्स हो गया है। 3 महीने से दिल्ली नहीं गए हैं। उन्हें कोई पीएम उम्मीदवार नहीं मान रहा है। नरेंद्र मोदी फिर देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा फेल हो चुकी है। उन्हें गुजरात जाने की हिम्मत नहीं है। यूपी भी 5 दिन के लिए गए। केरल में 19 दिन के लिए ही गए। बिहार के अंदर कांग्रेसियों की हिम्मत नहीं है यात्रा करें।भगवान भी चाहे तो बिहार में कांग्रेसी जिंदा नहीं हो सकती। कमलनाथ कह रहे हैं कि राहुल गांधी पीएम उम्मीदवार हैं, तो हमारी लड़ाई और आसान हो जाएगी। नरेन्द्र मोदी के फिर से प्रधानमंत्री बनना तय है।
सुशील कुमार मोदी ने दलाई लामा इंस्टीट्यूट के बिल्डिंग का शिलान्यास के मौके पर कहा कि बोधगया में एक ऐसा केंद्र यह विकसित किया जा रहा है। जिसमें तिब्बत -भारत की ज्ञान परंपरा का अध्ययन होगा। यह विश्व का केंद्र होगा। बिहार सरकार ने इसमें सहयोग दिया है। पीएम के निर्देश पर 200 करोड़ से ज्यादा प्रोजेक्ट पर खर्च किया जाएगा। बिहार वासियों के लिए यह सौभाग्य की बात है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का केंद्र बोधगया में स्थापित हो रहा है।