BIHAR:- मुखियाओं के मांगों पर सरकार विचार नही करेगी, तो तीव्र आंदोलन की बनेगी योजनाः मुखिया महासंघ

मधुबनी-30 अगस्त। ग्राम पंचायत के अधिकारों में कटौती एवं 73 वां पंचायती राज संशोधन कानून को विफल करने के साथ महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की कल्पना को ग्रामीण भारत ने लागू नही होने देने के बिहार सरकार एवं उनके प्रशासनिक अधिकारियों के अराजकता के खिलाफ और सभी 29 अधिकारों को पंचायत में को सौंपने के मांगों को लेकर राज्यव्यापी जिला मुख्यालय पर मुखियाओं द्वारा आंदोलन के तहत मधुबनी जिला मुखिया संघ के द्वारा आहूत जिला समाहरणालय पर महाधरणा में जिले के विभिन्न प्रखंडों एवं पंचायतों से आए हुए सम्मानित मुखियाओं के अपार समर्थन के कारण ग्राम पंचायत अधिकार का यह आंदोलन सफल रहा। महाधरना में शामिल प्रतिनिधियों,स्थानीय निकाय से निर्वाचित विधान पार्षद श्रीमती अंबिका गुलाब यादव,जिला परिषद उपाध्यक्ष संजय यादव, त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों व अन्य सभी सहयोगियों को जिला मुखिया महासंघ मधुबनी की ओर से रहिका मुखिया संघ अध्यक्ष मिथिलेश झा,पंडौल मुखिया संघ अध्यक्ष रामकुमार यादव,बिस्फी मुखिया संघ अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण झा,कलुआही मुखिया संघ अध्यक्ष राजेश मिश्रा, राजनगर मुखिया संघ अध्यक्ष शेखर सुमन,खलौली मुखिया संघ अध्यक्ष प्रकाश मंडल सहित महासंघ के सभी प्रखंड अध्यक्षों की ओर से एक संयुक्त बयान जारी करते हुए साधुवाद दिया गया है। जारी संयुक्त बयान के द्वारा कहा गया है कि मुखियाओं का कार्यों का बहिष्कार 31 अगस्त तक जारी रहेगा। बिहार सरकार अविलंब पंचायत प्रतिनिधियों के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करें। गांवों के विकास के लिए ग्रामसभा का सशक्तिकरण आवश्यक है। ग्राम सभा को यह अधिकार है कि बेरोजगारी दूर करने की योजनाओं,महिला सशक्तिकरण को योजनाओं एवं विकास की योजनाओं का चयन समय-समय पर आयोजित ग्राम सभा के माध्यम से किया जाय। केंद्र एवं राज्य संपोषित योजनाओं में उपर से ही निर्देस देने से ग्राम सभा या औचित्य समाप्त हो जाता है। प्रेस रिलीज में कहा गया है कि यदि सरकार विचार नही करेगी, तो इससे भी तीव्र आंदोलन की योजना बनायी जाएगी।

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Author: lakshyatak

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