रांची- 04 फरवरी। राज्य सरकार के कानून विभाग ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को पूर्व खनन सचिव पूजा सिंघल और अन्य अधिकारियों के खिलाफ 1000 करोड़ रुपये के खनन घोटाले में प्राथमिकी दर्ज करने की मंजूरी दे दी है। अधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि अब मुख्यमंत्री, खनन मंत्री के रूप में, एसीबी को पूजा सिंघल और अन्य के खिलाफ पीसी अधिनियम के तहत भ्रष्टाचार के लिए प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कह सकते हैं। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने ईडी द्वारा साझा की गई सूचना पर प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर विधि विभाग से राय मांगी थी।
बताया गया कि ईडी ने मनरेगा घोटाले की जांच के बाद इससे संबंधित पहली रिपोर्ट नवंबर 2022 में राज्य सरकार को भेजी थी। ईडी की इस रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूजा सिंघल, सीए सुमन कुमार और छह जिला खनन पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी है। ईडी ने मनरेगा घोटाले में प्रथम चरण की जांच पूरी करने के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दायर किया। इसके बाद जांच में मिले तथ्यों और कोर्ट में पेश आरोप पत्र की कॉपी राज्य सरकार को भेजी।
साथ ही सीए सुमन कुमार, पाकुड़ के जिला खनन पदाधिकारी प्रदीप कुमार, दुमका के जिला खनन पदाधिकारी कृष्ण कुमार किस्कू, साहिबगंज के जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार, रामगढ़ जिला खनन दाधिकारी नितेश कुमार गुप्ता, पश्चिम सिंहभूम के जिला खनन पदाधिकारी निशांत अभिषेक और खूंटी के जिला खनन पदाधिकारी नदीम शाफी से संबंधित ब्योरा भी राज्य सरकार के साथ साझा किया था। ईडी ने इन लोगों द्वारा अवैध खनन और उससे की जाने वाली वसूली की जानकारी भी सरकार को दी थी। ईडी की सूचनाओं के आधार पर संबंधित लोगों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज की जानी है।
