पटना- 30 जनवरी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि अब मुझे मरना कबूल है लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाऊंगा। नीतीश ने कहा कि चुनाव आने दीजिये किसकी कितनी हैसियत है इसका पता चल जायेगा। वह सोमवार को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर पटना के गांधी घाट पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उक्त बातें कही।
मुख्यमंत्री नीतीश ने भाजपा को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा कि भाजपा के साथ जाना हमें कभी कबूल नहीं है। सब बोगस बात है। इतना मेहनत और हिम्मत करके हमें अपने साथ लाया था। क्या-क्या नहीं किया गया था, लालू पर केस कर दिया गया था। अब हम फिर से गठबंधन खत्म करके अलग हुए हैं तो फिर से कुछ करने के चक्कर में है। कैसे सबको इधर से उधर करें, यही सब चक्कर में है। भाजपा को नुकसान है हमें नहीं। हम लोग तो अटल जी को मानने वाले थे, इसलिए उनके साथ थे। उसके बाद तो 2013 में हम लोगों ने उन्हें छोड़ दिया था। बाद में पीछे पड़के 2017 में साथ ले आये। उनकी बात मान कर हम उनके साथ चले गये थे, लेकिन अब फिर अलग हो गये हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं ने 2017 में हमसे इतना आग्रह किया कि हम उनके साथ चले गये थे। लेकिन 2020 के चुनाव में उन्होंने हमारे साथ जो किया वो तो जानते ही हैं न। हम मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे। हमें जबरदस्ती मुख्यमंत्री बनाया गया। उन्होंने कहा कि चिंता क्यों करते हैं आगे चुनाव तो होने दिजिए, सब पता चल जायेगा।
उन्होंने विपक्ष को याद कराते हुए कहा कि बिहार को ठीक से जान लीजिये। जितना हम लोगों ने इज्जत दिया है, भूल गये हैं। जब हमारे साथ एलायंस था तो 2005 और 2010 के चुनाव में कौन कितना सीट जीता था। उस समय भी गडबड़ी करवाया गया था। झारखंड मुक्ति मोर्चा और शिवसेना जैसी पार्टी को बिहार में लड़वाया गया था। उनका सिंबल तीर धनुष था, जिससे हमारे वोट भ्रमित हो जाते थे। उससे हमारे 5-7 लोग चुनाव हार जाते थे। जब एलायंस नहीं था तो 2015 में कितना सीट आई थी।
उल्लेखनीय है कि रविवार को भाजपा की दरभंगा में हुई राज्य कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनोद तावडे ने अपनी पार्टी के नेताओं को जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का सर्वसम्मत फैसला है कि अब नीतीश कुमार से किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जायेगा। इस पर ही आज मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी।
