इस्लामाबाद- 22 जून। पाकिस्तान के उच्च शिक्षा संस्थानों (विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों) में होली मनाने पर प्रतिबंध संबंधी आदेश वापस ले लिया गया है। चहुंओर आलोचना के बाद पाकिस्तान सरकार ने उच्च शिक्षा आयोग को अधिसूचना वापस लेने के आदेश दिये थे। आयोग ने अधिसूचना वापस लेने के साथ माफी भी मांगी है।
पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग की कार्यकारी निदेशक शाइस्ता सोहेल ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रमुखों के लिए अधिसूचना जारी कर कहा था कि उच्च शिक्षा संस्थानों में होली का जश्न चिंता पैदा करता है और ये नुकसानदेह है। इससे देश की छवि पर असर पड़ता है। आयोग का कहना था कि इस तरह की गतिविधियां देश की सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों से पूरी तरह अलग हैं और ये देश की इस्लामी पहचान के खिलाफ है। उच्च शिक्षा आयोग के इस फैसले के बाद जबर्दस्त नाराजगी के स्वर मुखर होकर सामने आए थे। लोगों ने कहा था कि पाकिस्तान सरकार को यह समझने की जरूरत है कि होली और दीपावली का त्योहार सिंधी संस्कृति का हिस्सा हैं। आरोप लगाए गए थे कि पाकिस्तान की सरकार न तो सिंधी भाषा को स्वीकार करती है और न ही हिंदू त्योहारों का सम्मान करती है।
जोरदार विरोध के बाद पाकिस्तान सरकार ने इस आदेश को वापस लेने का निर्णय लिया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की रणनीतिक सुधार इकाई के प्रमुख सलमान सूफी ने कहा कि शिक्षा मंत्री राणा तनवीर हुसैन ने उच्च शिक्षा आयोग से अधिसूचना को वापस लेने के लिए कहा है। अधिसूचना को लेकर बवाल मचने पर सलमान सूफी ने ट्वीट कर लिखा कि इसको लेकर राणा तनवीर से बात हुई है। उन्होंने धार्मिक त्योहारों को हतोत्साहित करने वाली उच्च शिक्षा आयोग की अधिसूचना पर कड़ा संज्ञान लिया है और उन्हें इसे वापस लेने के लिए कहा है। इसके बाद पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग ने न सिर्फ आदेश वापस लिया है, बल्कि माफी भी मांगी है।
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