चंडीगढ़- 06 जनवरी। हरियाणा के बाद अब पंजाब सरकार ने भी वाहन स्क्रैप पॉलिसी बना ली है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में इस पॉलिसी को मंजूरी दी गई। हरियाणा की तर्ज पर बनी इस पॉलिसी में पुराने वाहनों को स्क्रैप करने वाले लोगों को नये वाहनों की खरीद पर टैक्स और रजिस्ट्रेशन में छूट दी जाएगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नये वाहनों के रजिस्ट्रेशन के साथ स्क्रैपिंग पॉलिसी को मंजूरी दी है। उसी आधार पर राज्यों में स्क्रैप पॉलिसी बनाई जा रही है। डीजल के 10 और पेट्रोल के पंद्रह साल पुराने वाहनों पर यह पॉलिसी लागू होगी। हालांकि पंजाब एनसीआर से पूरी तरह से बाहर है, लेकिन वाहनों से बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने के लिए सभी राज्य स्क्रैप पॉलिसी बना रहे हैं।
इसी कड़ी में पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार ने भी पॉलिसी बनाई है। हालांकि डीजल के 10 और पेट्रोल के 15 साल पुराने वे वाहन सड़कों पर चल सकेंगे, जिनके फिटनेस सर्टिफिकेट होंगे। ऐसे वाहनों को वाहन स्क्रैप पॉलिसी के लिए डम्प किया जाएगा। प्रदेशभर में डम्पिंग जोन भी बनेंगे, जहां स्क्रैप वाहनों को नीलाम किया जा सकेगा।
स्क्रैपिंग के अंतर्गत मोटर व्हीकल टैक्स में ट्रांसपोर्ट वाहन मालिकों को 15 प्रतिशत और नान-ट्रांसपोर्ट वाहन मालिकों को 25 प्रतिशत तक छूट मिलेगी। वातावरण अनुकूल फ़ैसले से स्क्रैपिंग पॉलिसी के अधीन परिवहन गाड़ियों के मालिक गाड़ी की रजिस्ट्रेशन से 8 साल तक और नान-ट्रांसपोर्ट गाडिय़ों के मालिक 15 साल तक स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। इसके अंतर्गत जिस समय पर गाड़ी को स्क्रैप किया जाएगा तो इसके बारे स्क्रैपर की तरफ से ही गाड़ी की खरीद की जाएगी। इसके बाद स्क्रैपर की तरफ से वाहन के मालिक को सर्टिफिकेट आफ डिपाजिट (वाहन जमा करवाने का सर्टिफिकेट) जारी किया जाएगा, जिसको गाड़ी मालिक की तरफ से संबंधित लाइसंसिंग अथॉरिटी के पास जमा करवाने पर नयी गाड़ी की रजिस्ट्रेशन के मोटर व्हीकल टैक्स में बनती छूट दी जाएगी।