नेपाल में कम्युनिस्ट सरकार बनने से चिंतित अमेरिका, उप विदेश मंत्री ने अमेरिका को प्राथमिकता में रखने के लिए दिया दबाव

काठमांडू- 30 जनवरी। अमेरिकी उप विदेश मंत्री विक्टोरिया नुलैंड तीन दिनों के नेपाल दौरे पर हैं और उच्च स्तरीय राजनीतिक मुलाकातों में व्यस्त हैं। नेपाल में कम्युनिस्ट दलों की संयुक्त सरकार से चिंतित अमेरिका की तरफ से एक के बाद दूसरा उच्चस्तरीय दौरा किया जा रहा है।

राजनीतिक मामले संबंधी अमेरिकी उप विदेश मंत्री नुलैंड ने सोमवार को प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल से मुलाकात की। इस दौरान अमेरिकी मंत्री ने विश्वास जताया है कि नेपाल अमेरिका को अपनी प्राथमिकता में रखेगा। प्रधानमंत्री के निजी सचिव गंगा दहल ने इस मुलाकात के बारे में बताया कि इस दौरान नेपाल-अमेरिकी संबंध को और मजबूत करने पर बात हुई।

प्रधानमंत्री कार्यालय सूत्र ने बताया कि नेपाल में चीन की सक्रियता पर अमेरिकी उप विदेशमंत्री ने चिंता व्यक्त करते हुए अमेरिकी महत्वाकांक्षी परियोजना एमसीसी में आ रहे अवरोध को हटाने और परियोजना से जुड़े कार्यों को निर्बाध रूप से सुचारू करने के लिए आग्रह किया था।

इतना ही नहीं अमेरिका की तरफ से कई संवेदनशील मुद्दों पर साथ देने, यूएन में वोटिंग के दौरान अमेरिकी प्रस्तावों का विरोध नहीं करने और नेपाल में शांति प्रक्रिया को लेकर भी जिज्ञासा व्यक्त की थी।

प्रधानमंत्री के करीबी सूत्रों का कहना है कि विश्व राजनीति को लेकर यूएन में बहस और मतदान के दौरान या तो नेपाल अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन करे या फिर तटस्थ रहे। रूस यूक्रेन मामले में कई बार ऐसा हुआ जब नेपाल ने अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया था।

अमेरिका की दूसरी चिंता नेपाल में कम्युनिस्ट सरकार बनने के बाद चीन की सक्रियता को लेकर भी है। जिस तरह से चीन नेपाल में सक्रिय हो रहा है और बीआरआई को लेकर नेपाल पर दबाव डाल रहा है, उसे लेकर भी अमेरिका ने अपनी चिंता जताई है। सूत्रों का कहना है कि अमेरिका का यह निष्कर्ष है कि नेपाल में नई सरकार बनने के बाद से ही चीन के दबाव के कारण अमेरिकी परियोजना एमसीसी के काम में विभिन्न तरह का अवरोध आने लगा है।

विदेश मामलों के जानकार और पूर्व प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउबा के विदेश मामलों के सलाहकार रहे अरुण सुवेदी ने अमेरिकी चिंता को जायज बताया है। सुवेदी का तर्क है कि नेपाल में सरकार परिवर्तन के साथ ही एमसीसी परियोजना में देखे गए अवरोध से अमेरिका का चिंतित होना स्वाभाविक है। क्योंकि नेपाल के कम्युनिस्ट हमेशा से इसका विरोध करते रहे हैं और जब नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी की ही सरकार बन गई तो इसका असर भी दिखने लगा है।

नेपाल भ्रमण में रहे अमेरिकी उप विदेश मंत्री ने सोमवार को प्रधानमंत्री के अलावा नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री तथा प्रमुख प्रतिपक्षी दल के नेता शेरबहादुर देउबा से भी मुलाकात की है।

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Author: lakshyatak

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