काठमांडू- 30 अगस्त। नेपाल में अमेरिकी परियोजना मिलेनियम चैलेंज कमपैक्ट (एमसीसी) शुरू होने से ठीक पहले प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचण्ड ने अमेरिका को चेतावनी दी है। नेपाल में एमसीसी के कार्यान्वयन की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री की चेतावनी से ना सिर्फ राजनीतिक बल्कि कूटनीतिक क्षेत्र में हलचल पैदा हो गयी है।
नेपाल और अमेरिका के बीच हुए समझौते के तहत बुधवार 30 अगस्त से अमेरिकी परियोजना एमसीसी का कार्यान्वयन शुरू होना है। इसके लिए अमेरिकी प्रशासन के कई बड़े अधिकारी काठमांडू पहुंच चुके हैं।
बुटवल में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री प्रचण्ड ने नेपाल की संसद से पारित ‘व्याख्यात्मक टिप्पणी’ को मान्यता नहीं दिए जाने पर एमसीसी का कार्यान्वयन रोकने की बात कह डाली है। प्रचण्ड ने कहा कि नेपाल की संसद में एमसीसी को लेकर पारित व्याख्यात्मक टिप्पणी को एमसीसी का ही अंग बनाए जाने और उसको एमसीसी समझौते की तरह ही कानूनी मान्यता देने की मांग की गई है।
प्रचण्ड ने कहा है कि नेपाल किसी भी सैन्य गठबन्धन में शामिल नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा है कि एमसीसी अमेरिका के इंडो पैसेफिक स्ट्रैटिजी (आईपीएस) का हिस्सा भी नहीं है। लेकिन कभी इस एमसीसी के बहाने नेपाल में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति हुई या फिर इसे आईपीएस के साथ जोड़ कर कुछ गतिविधियां की गई तो नेपाल तत्काल एमसीसी के समझौते से बाहर हो जाएगा।
एमसीसी का विरोध कर रहे अपने ही पार्टी तथा सत्तारूढ़ गठबंधन के नेता व कार्यकर्ताओं को आश्वासन देते हुए प्रचण्ड ने सभा को संबोधन करने के दौरान कहा कि जिस दिन अमेरिका की तरफ से व्याख्यात्मक टिप्पणी के खिलाफ कोई काम हुआ तो उसके विरोध में सबसे पहले वे ही सड़क पर उतरने वाले हैं। प्रचण्ड ने कहा कि नेपाल की विकास परियोजनाओं के लिए अमेरिका की यह परियोजना स्वीकार की गयी है।
प्रचण्ड ने कहा कि बुधवार को एमसीसी कार्यान्वयन पर हस्ताक्षर से पहले अमेरिकी अधिकारियों से मिल कर इस बारे में स्पष्ट होना चाहते हैं और इस पर अमेरिकी रुख को जानना चाहते हैं। उसके बाद ही इस पर काम को आगे बढाया जाएगा। एमसीसी के उपाध्यक्ष सहित कई अमेरिकी अधिकारी काठमांडू में इसके कार्यान्वयन समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए मौजूद हैं। पांच साल के भीतर इस एमसीसी परियोजना अन्तर्गत कई विद्युतीय प्रसारण लाइन बनाने का काम पूरा किया जाना है। इसके लिए अमेरिका ने नेपाल को करीब 70 करोड़ अमेरिकी डॉलर का अनुदान सहयोग किया है।
नेपाल में एमसीसी के व्यापक विरोध के बावजूद देश की संसद में इसे व्याख्यात्मक टिप्पणी सहित पारित किया गया। इस टिप्पणी में स्पष्ट लिखा है कि नेपाल किसी भी सैन्य गठबन्धन में सहभागी नहीं होगा। एमसीसी के अमेरिका की इंडो पैसिफिक स्ट्रैटिजी का भी अंग नहीं होने की बात उल्लेख है।
एमसीसी पर कांग्रेस माओवादी गठबन्धन टूट के कगार पर पहुंच गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउवा हर हाल में एमसीसी पारित करवाना चाहते थे लेकिन माओवादी सहित सभी वामपंथी दल इसके विरोध में थे तथा किसी भी कीमत पर इसे पारित नहीं होने देना चाहते थे। लेकिन देउवा ने एमसीसी पारित नहीं होने पर गठबन्धन तोड़ने और ओली के साथ मिल कर सरकार बनाने की धमकी दी थी तब जाकर माओवादी सहित सभी वामपंथी दलों को यूटर्न होना पड़ा था।
