ड्राइवरों के हितों का हनन करने वाला है केन्द्रीय कानून: राहुल गांधी

नई दिल्ली- 02 जनवरी। कांग्रेस नेता व लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने ड्राइवरों के हितों का हनन करने वाला कानून बनाया है। इसलिए वह हड़ताल को मजबूर हुए हैं।

राहुल ने मंगलवार को एक्स पर लिखा कि बिना प्रभावित वर्ग से चर्चा और बिना विपक्ष से संवाद के कानून बनाने की जिद लोकतंत्र की आत्मा पर निरंतर प्रहार है। जब 150 से अधिक सांसद निलंबित थे, तब संसद में भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, ड्राइवरों के विरुद्ध एक ऐसा कानून बनाया, जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं।

राहुल ने कहा कि सीमित कमाई वाले इस मेहनती वर्ग को कठोर कानूनी भट्ठी में झोंकना उनकी जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस कानून का दुरुपयोग संगठित भ्रष्टाचार के साथ ‘वसूली तंत्र’ को बढ़ावा दे सकता है।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने अपराध को लेकर हाल ही में नए कानून बनाए हैं। इस कानून के तहत कोई ट्रक या डंपर या बस चालक किसी शख्स को कुचलकर भाग जाता है तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है। इस मामले को लेकर ड्राइवर्स दो दिनों से हड़ताल पर हैं। हालांकि केन्द्र सरकार का कहना है कि हिट एंड रन मामले में जो प्रावधान बढ़ाया गया है 10 साल तक, ये सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जर्वेशन के तहत लिखा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एकाधिक मामले में कहा है कि वाहन चालक जो लापरवाही से गाड़ी चलाते हैं और सड़क पर दुर्घटना करके, जिससे किसी की मौत हो जाती है, वहां से भाग जाते हैं, ऐसे लोगों के ऊपर कार्रवाई सख़्त होनी चाहिए।

केन्द्र सरकार का कहना है कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) सब-सेक्शन 106 (1) और सब-सेक्शन 106 (2) से यह स्पष्ट होता है कि यदि व्यक्ति घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को लापरवाही से गाड़ी चलाने से मौत की घटना की रिपोर्ट करता है, तो उस पर सब-सेक्शन 106 (2) की जगह सब-सेक्शन 106 (1) के तहत आरोप लगाया जाएगा, जिसमें 0-5 साल तक की सजा है, जबकि सब-सेक्शन 106(2) के तहत 0-10 साल के सजा का प्रावधान है। धारा 106 (1) अभी एक जमानती अपराध है, और धारा 106 (2) गैर-जमानती है।

lakshyatak
Author: lakshyatak

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!