उज्जैनः केन्द्रीय जेल अधीक्षक उषा राज 15 करोड़ के पीएफ घोटाले के आरोप में हिरासत में

उज्जैन- 18 मार्च। शहर के भैरवगढ़ स्थित केंद्रीय जेल के 100 कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों से 15 करोड़ रुपये की राशि गबन के मामले में शनिवार को पुलिस ने जेल अधीक्षक उषा राज को हिरासत में ले लिया। पुलिस मामले में उनसे पूछताछ करेगी।। हिरासत में लिए जाने के बाद वह पुलिस पर भड़क गईं। उन्होंने कहा कि मुझे हाथ मत लगाना। मैं कोई कैदी या अपराधी नहीं हूं, जो फरार हो जाऊंगी। जेल अधीक्षक खुद को बेकसूर बताती रहीं।

15 करोड़ के पीएफ घोटाले के मामले में एक दिन पहले यानी शुक्रवार को ही उषा राज को भोपाल जेल मुख्यालय ट्रांसफर किया गया था। इसके बाद शनिवार दोपहर यहां पटाखे फोड़कर जश्न भी मनाया गया। जेल कर्मचारियों ने जेल परिसर में ढोल बजाए और पटाखे फोड़े। डीआईजी मंशाराम पटेल की जांच रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।

दरअसल, केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों से जेल के सहायक लेखा अधिकारी रिपुदमनसिंह व शैलेंद्रसिंह सिकरवार ने 13 करोड़ रुपये से अधिक की राशि निकाल ली थी। आरोपितों ने जेल के लैंडलाइन नंबर खातों में जोड़ दिए थे। इससे गड़बड़ी का पता नहीं चले। करीब तीन साल से गबन किया जा रहा था। मामला सामने आने के बाद कोषालय के अधिकारियों ने रिपुदमनसिंह के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। जेल डीजी अरविंद कुमार के निर्देश पर हुई जांच के बाद शुक्रवार को जेल अधीक्षक उषा राज को हटाकर भोपाल मुख्यालय अटैच कर दिया और उनकी जगह देवास जेल अधीक्षक हिमानी मनवारे को उज्जैन जेल का प्रभार सौंपा गया है। शनिवार को हिमानी उज्जैन पहुंची और उन्होंने जेल का प्रभार ग्रहण कर लिया।

तीन नोटिस का जवाब नहीं, कार्यालय से ले गई पुलिस—

बताया गया है कि जेल अधीक्षक उषा राज की आईडी व पासवर्ड का उपयोग कर ही गबन कांड को अंजाम दिया गया था। पुलिस ने जेल अधीक्षक उषा राज को बयान दर्ज करवाने के लिए तीन बार नोटिस जारी किए थे, मगर एक भी नोटिस का जवाब नहीं दिया और न ही अपने बयान दर्ज करवाए थे। पुलिस कार्रवाई में सहयोग नहीं करने पर पुलिस ने शनिवार सुबह उषा राज को जेल परिसर में बने कार्यालय से उन्हें हिरासत में लिया और उन्हें थाने ले गई। जहां पुलिस ने उनके बयान दर्ज किए। इस पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी करवाई गई है।

बताया गया है कि जेल अधीक्षक उषा राज शनिवार सुबह जेल परिसर में बने कार्यालय पहुंच गई थी, जहां उन्होंने जमकर हंगामा मचाया। कर्मचारियों पर आरोप लगाए कि उनके कारण ही ट्रांसफर हुआ है। इससे वे काफी नाराज हैं। जेल अधीक्षक उषा राज को जब पुलिस गिरफ्तार कर लेकर जा रही थी, तब उन्होंने पुलिसकर्मियों पर नाराजगी जताई। उनका कहना था कि वे कोई अपराधी नहीं हैं और न ही फरार हो रही हैं। वे खुद लड़ रही हैं। कानून सबके लिए है। महिला पुलिसकर्मियों ने जब उनका हाथ पकड़ा तो उन्होंने उसे झटकते हुए कहा कि हाथ मत पकड़ो।

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Author: lakshyatak

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