अब कैदियों के बैरक तक पहुंचेगी ‘ज्ञान संजीवनी’

नई दिल्ली- 03 फरवरी। जेल में जीवन काट रहे कैदियों के खालीपन को भरने के लिए छोटे मोटे इंडोर खेल आदि के साथ पढ़ने की आदत बहुत ही उपयोगी साबित होती है। जेल के समय में किताबों से दोस्ती कर कैदी ज्ञानार्जन कर सके। इसके लिए दिल्ली की तिहाड़ जेल प्रशासन ने “ज्ञान संजीवनी नामक मुहिम की शुरूआत की है। जिसके तहत अब बुक्स ऑन व्हील्स योजना को चलाया जा रहा है।

इस योजना के तहत अब यहां बंद कैदियों को उनकी बैरक तक पढ़ने के लिए किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी। इस योजना के अंदर इंग्लिश, हिंदी, उर्दू और पंजाबी आदि तमाम भाषाओं में आध्यात्मिक, समसामयिक सामान्य ज्ञान, कहानी, कविता, जीवनी आदि विभिन्न विषयों की किताबें कैदियों को उपलब्ध कराई जाएंगी। जेल प्रशासन का कहना है कि पहले पढ़ने के इच्छुक कैदियों को किताबें जारी कराने और पढ़कर जमा करने के लिए लाइब्रेरी तक जाना होता था। इसके चलते कई कैदी पढ़ने की इच्छा होते हुए भी मन बदल लेते थे।

अब ज्ञान संजीवनी कार्यक्रम के तहत बुक्स ऑन व्हील्स योजना से कैदियों को न सिर्फ पढ़ने के जागरूक किया जाएगा, बल्कि सभी की बैरक तक किताबें मुहैया कराई जाएंगी। जेल प्रशासन के अनुसार फिलहाल जेल नम्बर 4 में 3554 किताबें उपलब्ध है, जो बाद में और बढ़ाई जाएंगी।

जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार अभी लाइब्रेरी ओएसिस सेंटर में स्थापित होने से मात्र 100 से 120 कैदियों ने 400 के करीब किताबें पढ़ने हेतु जारी कराई हैं। इस नई मुहिम के चलते कैदियों में अध्ययन व ज्ञानार्जन के प्रति अधिक रूचि होने की उम्मीद जताई जा रही है। ‘ज्ञान संजीवनी की शुरुआत पहले जेल नम्बर चार के अधीक्षक गौरव यादव द्वारा की गई है।

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Author: lakshyatak

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