भारत

‘मन की बात’ में PM मोदी की सलाह, मनमर्जी से ना लें दवा

नई दिल्ली- 28 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में देशवासियों से दवाओं के उपयोग में सावधानी बरतने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि दवा लेने से पहले उचित गाइडेंस लेना और एंटीबायोटिक के सेवन के लिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) की एक हालिया रिपोर्ट का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार निमोनिया और यूटीआई जैसी कई बीमारियों के खिलाफ एंटीबायोटिक दवाएं कमजोर साबित हो रही हैं। इसका मुख्य कारण लोगों द्वारा बिना सोचे-समझे एंटीबायोटिक का सेवन करना है। इसलिए उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपनी मनमर्जी से दवाओं का उपयोग करने से बचें।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 129वीं कड़ी और वर्ष के अंतिम एपिसोड की शुरुआत वर्ष 2025 में देश की उपलब्धियों से की। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारत ने कई मील का पत्थर साबित होने वाली उपलब्धियां हासिल की हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा (ऑपरेशन सिंदूर), खेल (महिला विश्वकप) और वैज्ञानिक नवाचार जैसे क्षेत्रों में हुई प्रगति ने वैश्विक मंच पर भारत के प्रभाव को दर्शाया है।

उन्होंने कहा कि साल 2025 में आस्था, संस्कृति और भारत की आध्यात्मिक विरासत एक साथ दिखाई दी। वर्ष की शुरुआत प्रयागराज के कुंभ से हुई और अंत अयोध्या में राम मंदिर के ध्वजारोहण कार्यक्रम के साथ हुआ, जिसने हर भारतीय को गर्व से भर दिया।

प्रधानमंत्री ने युवाओं के देश के लिए कुछ करने के जज्बे को सलाम किया और कहा कि आज के युवा विभिन्न माध्यमों से राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहते हैं। इस संदर्भ में उन्होंने बताया कि 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती पर ‘यंग लीडर डायलॉग’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें वे स्वयं भी भाग लेंगे।

उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं में हमेशा कुछ नया करने का जुनून रहता है और वे उतने ही जागरूक भी हैं। इस क्रम में उन्होंने हाल ही में संपन्न हुए स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन का उल्लेख किया, जिसमें छात्रों ने जीवन से जुड़ी वास्तविक चुनौतियों के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

भविष्य को लेकर तकनीक से जुड़ी चिंताओं पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मानव विकास के लिए अपनी जड़ों से जुड़े रहना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इस संदर्भ में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में चल रहे ‘गीतांजलि’ जैसे संस्कृत प्रयास का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि आज विश्वस्तरीय शोध के साथ एक छोटी-सी संगीत कक्षा से शुरू हुआ यह प्रयास कैंपस का संस्कृत हृदय बन गया है। इसी क्रम में उन्होंने दुबई में बच्चों के लिए चल रही कन्नड़ भाषा की कक्षाओं का भी उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने मणिपुर के लोगों से जुड़े कई ऐसे प्रयासों का जिक्र किया, जो लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं। उन्होंनेकहा कि ‘जहां चाह, वहां राह’ कहावत को मणिपुर के युवा मोइरांगथेम सेठ जी ने साकार कर दिखाया है। 40 वर्ष से कम उम्र में उन्होंने अपने दूरस्थ क्षेत्र में बिजली की समस्या का स्थानीय समाधान खोजते हुए सोलर पावर को अपनाया और आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की। वहीं, सेनापति जिले की चोखोने क्रिचेना जी ने पारंपरिक खेती के अनुभव को आगे बढ़ाते हुए फूलों की खेती को अपना जुनून बनाया। आज वे अपने उत्पादों को विभिन्न बाजारों से जोड़कर स्थानीय समुदायों को सशक्त कर रही हैं और मणिपुर के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।

उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पुरातत्व विभाग से जुड़ी एक हालिया खोज का भी उल्लेख किया, जिसके तहत बारामूला में जेहनपोरा नामक प्राचीन बौद्ध विरासत का पता चला है। इसके चित्र फ्रांस के एक संग्रहालय के अभिलेखागार में सुरक्षित मिले हैं। साथ उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश के नारसापुरम जिले की लेस क्राफ्ट आज देशभर में पहचान बना रही है। पीढ़ियों से महिलाओं ने धैर्य, कौशल और बारीकी से इस पारंपरिक कला को सहेजते हुए नारी-शक्ति की रचनात्मक क्षमता का उदाहरण प्रस्तुत किया है।

प्रधानमंत्री ने एक बार फिर तमिल भाषा के गौरव और दुनिया भर में लोगों को जोड़ने की उसकी क्षमता की चर्चा की। उन्होंने फिजी का उदाहरण दिया, जहां नई पीढ़ी को तमिल भाषा से जोड़ने के प्रयास हो रहे हैं। साथ ही उन्होंने काशी-तमिल संगम का उल्लेख किया, जिसमें इस बार तमिल भाषा सीखने पर विशेष जोर दिया गया।

देश के अनसंग हीरो की श्रृंखला में इस बार प्रधानमंत्री ने ओडिशा की पार्वती गिरी के योगदान को याद किया। उन्होंने बताया कि पार्वती गिरी ने मात्र 16 वर्ष की आयु में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था।

कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री ने गुजरात के कच्छ में आयोजित हो रहे रण उत्सव और उसकी सांस्कृतिक आभा का जिक्र किया तथा लोगों से वहां पर्यटन करने की अपील की।

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