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हिरोशिमा में हुई मोदी-बाइडन मुलाकात, मोदी के पास आकर गले मिले बाइडन

टोक्यो- 20 मई। जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने हिरोशिमा पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मुलाकात गर्मजोशी से भरी रही। जो बाइडन स्वयं मोदी के पास आए और फिर दोनों नेता गले मिले।

जापान के हिरोशिमा में हो रहे जी-7 सम्मेलन में भारत को बतौर मेहमान देश के रूप में आमंत्रित किया गया है। भारत के अलावा इस सम्मेलन में इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, वियतनाम और ऑस्ट्रेलिया भी बतौर मेहमान देश शामिल हो रहे हैं।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंचे, उसी समय अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी वहां पहुंचे। बैठक हॉल में प्रवेश करते ही बाइडन खुद पीएम मोदी के पास आए। पीएम मोदी ने उनसे गले मिलकर अभिवादन किया, जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच कुछ बातें भी हुई। पीएम मोदी जी-7 सम्मेलन के लिए जापान में 19 से 21 मई तक रहेंगे।

पद्मश्री डॉ. तोमियो मिजोकामी से मिले

इससे पहले मोदी ने आज जापान के हिंदी व पंजाबी भाषा के जानकार और पद्मश्री से सम्मानित मशहूर लेखक डॉ. तोमियो मिजोकामी और जापान की मशहूर चित्रकार हिरोको ताकायामा से भी मुलाकात की। डॉ. तोमियो से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि प्रोफेसर तोमियो मिजोकामी से मिलकर उन्हें खुशी हुई। वह हिंदी और पंजाबी भाषा के जानकार हैं और जापान के लोगों के बीच भारतीय संस्कृति को लोकप्रिय बनाने में उनकी अहम भूमिका है।

कोरिया के राष्ट्रपति से मुलाकात

भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की कोरिया गणतंत्र के राष्ट्रपति के साथ अहम बैठक हुई। अच्छे दोस्त रहे भारत और कोरिया गणतंत्र सांस्कृतिक तौर पर भी जुड़े हैं। इस बैठक में दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने की दिशा में अहम बातचीत हुई।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि भारत और कोरिया के कूटनीतिक रिश्तों को इस साल 50 साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर दोनों देशों के नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति जताई। दोनों देश व्यापार, निवेश, उच्च तकनीक, आईटी हार्डवेयर, मैन्युफैक्चरिंग, डिफेंस, सेमीकंडक्टर और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में रिश्तों को मजबूत करने पर सहमत हैं। साथ ही भारत की जी20 बैठक की अध्यक्षता और हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में कोरिया की रणनीति पर भी चर्चा हुई।

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Author: lakshyatak

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