पटना- 07 अगस्त। राजनीतिक रूप से उर्वर बिहार की चर्चा इस बार राज्य की राजनीति को लेकर नहीं,बल्कि प्रदेश में सूखे को लेकर है। देश के कई राज्य बारिश और बाढ़ से जब त्राहि-त्राहि कर रहे हैं, उसी समय बिहार के कई जिले सूखे की मार झेल रहे हैं। अब तक सामान्य से 45 फीसदी कम वर्षा हुई है, जबकि धान की रोपनी बमुश्किल 50 प्रतिशत हुई है।
लोकजनशक्ति पार्टी रामबिलास के युवा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ विभय कुमार झा का कहना है कि बिहार सरकार और मुख्यमंत्री को इस ओर ध्यान देना चाहिए। कई बैठकों में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार महज आदेश तो दे देते हैं, लेकिन उसका जमीनी स्तर पर कितना क्रियान्वयन हुआ है, ये मुख्यमंत्री नहीं देखते हैं। मीडिया से बात करते हुए लोजपा नेता डॉ विभय कुमार झा ने कहा कि हाल के दिनों में तो मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री बनने की ईच्छा एक बार फिर से प्रबल हुई हैं। इसलिए वो लगातार अन्य प्रदेशों का दौरा कर रहे हैं। राज्य की समस्याओं पर ध्यान कहां देते हैं। डॉ झा ने बिहार सरकार के जलसंसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वो मिथिला से आते हैं। मिथिला के लोगों के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं। अभी मिथिला को सिंचाई की जरूरत है। ऐसे में श्री संजय झा को मिथिला के लोगों की समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर करना चाहिए।
डॉ विभय कुमार झा का कहना है कि मधुबनी जिला में झंझारपुर क्षेत्र की चर्चा पहले तो बाढ़ को लेकर होती रही है, लेकिन इस बार इस क्षेत्र में धानों की रोपनी बेहद कम हुई है। सरकार की ओर से भले ही बिजली उपलब्ध कराने को कहा गया है, लेकिन उसकी सच्चाई सभी को पता है। उन्होंने बताया कि मैं बराबर झंझारपुर मधुबनी के ग्रामीणों और युवाओं के संपर्क में हूं। हमारी सरकार से मांग है कि किसानों को प्राथमिकता के आधार पर सिंचाई आदि की सुविधा प्रदान करें।