कोलकाता- 29 जुलाई। पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति में कथित भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार होने के बाद मंत्रिमंडल एवं तृणमूल कांग्रेस से हटाए जाने को लेकर पार्थ चटर्जी ने पहली बार मुंह खोला है। उन्होंने मीडिया से कहा कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है।
दरअसल, शुक्रवार को ईडी के अधिकारी पार्थ चटर्जी लेकर चिकित्सकीय जांच के लिए जोका ईएसआई अस्पताल पहुंचे थे। इससे पहले थोड़ी देर के लिए उनकी गाड़ी मां फ्लाईओवर पर रुकी थी। वहां मीडिया कर्मियों ने उन्हें मंत्रिमंडल और पार्टी से हटाए जाने के बारे में सवाल पूछा लेकिन वह चुपचाप बैठे रहे। बाद में जोका ईएसआई अस्पताल पहुंचने पर एक बार फिर पत्रकारों ने उनसे वही सवाल दोहराया। इस पर उन्होंने अपने चेहरे पर लो मास्क को नीचे कर कहा कि “मेरे खिलाफ षडयंत्र रचा गया है। मुझे फंसा दिया गया।” इसके बाद वह व्हीलचेयर पर बैठकर अस्पताल के अंदर गए हैं, जहां उनकी चिकित्सकीय जांच हुई है।
शिक्षक नियुक्ति में कथित भ्रष्टाचार मामले में पार्थ चटर्जी को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। इन छह दिन तक वह कुछ भी नहीं बोले। इसी बीच एक दिन पहले जब उन्हें मंत्रिमंडल और तृणमूल कांग्रेस के सभी पदों के साथ प्राथमिक सदस्यता से भी हटा दिया गया है। ऐसे में पार्थ का साजिश में फंसाने वाला बयान अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसलिए पार्थ के बयान को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई हैं।
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मिथुन चक्रवर्ती ने दावा किया है कि पार्थ और अर्पिता के संयुक्त मालिकाने वाले मकानों से बरामद रुपये और गहने आदि की केवल देखरेख दोनों करते थे। दरअसल, यह संपत्ति किसी और की है। उनका इशारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी की ओर था। पार्थ तृणमूल कांग्रेस के महासचिव थे, जो पार्टी का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद है।