प्रयागराज- 11 सितम्बर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजमगढ़ जिले के 313 मदरसों के खिलाफ मदरसा आधुनिकीकरण स्कीम के घपले की एस आई टी जांच रिपोर्ट को रद्द करने से इंकार कर दिया है। विशेष सचिव गृह के रिपोर्ट पर एक्शन लेने के आदेश की चुनौती याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने अंतरिम आदेश से मिली राहत भी विखंडित कर दी है।
कोर्ट के इस आदेश से घोटाला करने वाले मदरसों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है। यह आदेश न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र ने आजमगढ़ के मुबारकपुर स्थित अंजुमन सिद्दीकिया जामिया नूरूल उलूम व 4 अन्य एवं प्रबंध समिति मदरसा इस्लामिया व 12 अन्य की याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि सरकार ने मदरसे की मान्यता वापस नहीं ली या निरस्त नहीं किया है और याचिका में एस आई टी रिपोर्ट रद्द नहीं की जा सकती।
मालूम हो कि सरकार की स्कीम के तहत योग्य अध्यापक नियुक्त करने व वित्तीय सहायता दिया जाता है। जिसके तहत मदरसों को भारी धनराशि दी गई। इसी के घपले की जांच के लिए एस आई टी गठित की गई। जिसने 30 नवम्बर 22 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी को अपनी संस्तुति के साथ अपनी रिपोर्ट पेश की। घपला करने वाले आजमगढ़ के 313 मदरसों के खिलाफ एक्शन लेने का सुझाव दिया गया। साथ ही एफ आई आर दर्ज करने की शिफारिश की गई। इसी रिपोर्ट पर विशेष सचिव गृह ने ऐक्शन लेने का आदेश दिया था। अदालत से कुछ अंतरिम राहत मिली थी। कोर्ट ने याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।