अपदस्थ PM ओली की पार्टी ने आंदोलन और हिंसक घटनाओं पर चुप्पी तोड़ी, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को व्यापक नुकसान पहुंचाए जाने की निंदा की

नई दिल्ली- 11 सितंबर। नेपाल के अपदस्थ प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी) ने आंदोलन और हिंसक घटनाओं पर चुप्पी तोड़ी है। पार्टी के महासचिव शंकर पोखरेल ने जिम्मेदार लोगों की पहचान की मांग करते हुए कड़ी कानूनी कार्रवाई का आह्वान किया है। उन्होंने सार्वजनिक और निजी संपत्ति को व्यापक नुकसान पहुंचाए जाने की निंदा की। पार्टी ने इस आंदोलन में मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करके घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। पार्टी के केंद्रीय सचिवालय की ओर से महासचिव शंकर पोखरेल ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि पार्टी ने जिम्मेदार लोगों की पहचान की मांग करते हुए कड़ी कानूनी कार्रवाई का आह्वान किया। उन्होंने औपचारिक रूप से हाल ही में विनाशकारी विरोध प्रदर्शनों पर गहरी चिंता व्यक्त की है, जिसने सोमवार और मंगलवार को देश को हिलाकर रख दिया था। पोखरेल ने यह स्वीकार करते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शन सोशल मीडिया प्रतिबंधों,भ्रष्टाचार विरोधी मांगों और सुशासन की मांग पर केंद्रित थे। यूएमएल ने सार्वजनिक और निजी संपत्ति को व्यापक नुकसान की निंदा करके मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

पार्टी ने मंगलवार को आगजनी, लूटपाट और हिंसा की राष्ट्रव्यापी घटनाओं को दुखद बताया। उन्होंने कहा कि संसद, राष्ट्रपति कार्यालय,सिंघा दरबार,सुप्रीम कोर्ट,संवैधानिक एजेंसियों,हवाई अड्डों,पुलिस स्टेशनों,निजी संपत्ति और दुर्लभ रिकॉर्ड सहित सरकारी इमारतों को नष्ट कर दिया गया, जिससे दशकों तक देश नहीं उबर पाएगा। पार्टी ने अशांति के दौरान नेपाल पुलिस,सशस्त्र पुलिस बल और नेपाली सेना सहित सुरक्षा एजेंसियों की देरी और अपर्याप्त प्रतिक्रिया पर भी सवाल उठाया। पोखरेल ने पार्टी कैडरों को एकजुट रहने,उच्च मनोबल बनाए रखने,नष्ट कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों की सफाई में सहायता करने,सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने और प्रभावित नागरिकों को सहायता देने का निर्देश दिया।

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद यूएमएल ने राजनीतिक संकट के संवैधानिक और लोकतांत्रिक समाधान की आवश्यकता पर जोर डाला। पार्टी ने राष्ट्रपति से भ्रष्टाचार विरोधी उपायों, भाई-भतीजावाद को समाप्त करने, सुशासन और रोजगार सृजन सहित युवाओं की चिंताओं को दूर करने के लिए सार्थक बातचीत शुरू करने का आग्रह किया। यूएमएल ने संघीय संसद,न्यायपालिका, प्रांतीय विधानसभाओं, प्रांतीय सरकारों और स्थानीय निकायों से लोकतंत्र की रक्षा में रचनात्मक भूमिका निभाने का आह्वान किया। पार्टी ने असाधारण स्थिति का प्रबंधन करने के लिए संविधान समर्थक ताकतों के बीच समन्वय और समझ के महत्व पर जोर दिया।

lakshyatak
Author: lakshyatak

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!