बिहार

बिहार सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा पर लगाई रोक

पटना- 14 जून। बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टेट के आयोजन पर सरकार ने रोक लगा दी है। शिक्षा विभाग ने खुद आधिकारिक पत्र के माध्यम से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को इस फैसले से अवगत कराया है। यह पत्र प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना के सचिव को लिखा है।

प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को लिखे पत्र में कहा है कि अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शिक्षक पात्रता परीक्षा के संबंध में 26 अप्रैल को बैठक में निर्णय लिया गया है कि बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय प्रारंभिक विद्यालय सेवा (नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवा शर्त नियमावली 2020) में किए गए प्रावधानों के तहत शिक्षक नियुक्ति के लिए निर्धारित अर्हता में केंद्र या बिहार सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) में उत्तीर्णता प्राप्त होना शामिल है।

केंद्र सरकार की ओर से हर साल केंद्रीय शिक्षक पात्रता आयोजित होती है। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने की जरूरत महसूस नहीं हो रही है। भविष्य में विभाग की ओर से आवश्यकता आधारित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) आयोजित किए जाने पर विचार कर निर्णय लिया जा सकेगा। भारत सरकार द्वारा नियमित रूप से सीटेट कराया जा रहा है। इसलिए वर्तमान में विभाग की ओर से शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार की ओर से हर साल केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) आयोजित होती है। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार की ओर से टेट अलग से कराने की जरूरत महसूस नहीं हो रही है। यह प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना के सचिव को लिखे एक पत्र में कहा है। यह पत्र ट्विटर पर रवि प्रकाश ने डाला है। इस पत्र के बाद साफ हो गया है कि बिहार सरकार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) नहीं लेगी।

सरकार के इस निर्णय की निंदा टीईटी शिक्षक संघ ने की है। संघ के अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा है कि बिहार सरकार अपने दायित्व से नहीं भाग सकती। शिक्षा का अधिकार के तहत यह हर राज्य सरकार की संवैधानिक जवाबदेही है। सभी राज्य अपने यहां टेट लेती है। केन्द्र सरकार की ओर से ली जानी वाली सीटेट में बिहार की स्थानीय भाषाओं को तरजीह नहीं दी जाती है लेकिन टेट में स्थानीय भाषाओं को महत्व मिलता है। दूसरी बड़ी बात यह कि सीटेट की परीक्षा सीबीएसई सिलेबस के अनुरुप होती है जबकि बिहार सरकार अपने विद्यालयों के सिलेबस के अनुसार टेट की परीक्षा लेती है।

उल्लेखनीय है कि केंद्र की ओर से साल में दो बार सी-टेट का आयोजन किया जाता है। बिहार के ऐसे व्यक्ति जो शिक्षक बनने की योग्यता रखते हैं उन्हें केंद्र सरकार द्वारा आयोजित केंद्रीय शिक्षक पात्रता (सीटेट) परीक्षा पास करनी होगी।

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