[the_ad id='16714']

दिल्ली विस की विशेषाधिकार समिति निलंबित 7 BJP विधायकों के खिलाफ कार्रवाई स्थगित रखेः हाई कोर्ट

नई दिल्ली- 22 फरवरी। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति से निलंबित किए गए 7 भाजपा विधायकों के खिलाफ कार्रवाई स्थगित रखने को कहा है। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि चूंकि ये मामला कोर्ट में लंबित है, इसलिए विशेषाधिकार समिति को कार्रवाई जारी नहीं रखनी चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी को होगी।

आज सुनवाई के दौरान भाजपा विधायकों की ओर से पेश वकील जयंत मेहता ने कहा कि वे 21 फरवरी को विधानसभा के स्पीकर से मिले। उन्होंने कहा कि आज एक बजे तक उन्हें विशेषाधिकार समिति को जवाब देने को कहा गया है। उसके बाद ढाई बजे से विशेषाधिकार समिति आगे की कार्यवाही शुरू कर देगी। उसके बाद कोर्ट ने विधानसभा की ओर से पेश वकील से कहा कि अब जब कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रही है तो विशेषाधिकार समिति की आगे की कार्यवाही रोक दी जानी चाहिए। सुनवाई के दौरान विधायकों की ओर से पेश वकील जयंत मेहता ने कहा कि जिन विधायकों को निलंबित किया गया है, उनके क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि 21 फरवरी को कोर्ट ने भाजपा के निलंबित विधायकों को निर्देश दिया कि वे विधानसभा के स्पीकर से मुलाकात करें। कोर्ट के इस आदेश के बाद इन विधायकों ने स्पीकर से मुलाकात की थी। 21 फरवरी को 7 निलंबित विधायकों की ओर से कहा गया था कि विधायकों ने उप-राज्यपाल से मिलकर माफी मांग ली है। उन्होंने विधायकों की ओर से उप-राज्यपाल को दिए गए माफीनामे की प्रति कोर्ट को सौंपी। विधायकों की ओर से वकील जयंत मेहता ने कहा था कि इस मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। आम आदमी पार्टी के नेता इस मामले को सांसद राघव चड्ढा के निलंबन से जोड़ रहे हैं। तब जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि कोर्ट राजनीतिक प्लेटफार्म नहीं है, विधायकों को स्पीकर से मुलाकात करनी चाहिए।

20 जनवरी को कोर्ट ने भाजपा विधायकों से पूछा था कि क्या वे विधानसभा के स्पीकर से मुलाकात कर और उप-राज्यपाल से माफी मांग सकते हैं। सुनवाई के दौरान विधानसभा स्पीकर ने सुझाव दिया था कि अगर भाजपा विधायक उनसे मुलाकात करें और उप-राज्यपाल से माफी मांग लें तो इस विवाद का हल निकाला जा सकता है।

इन विधायकों की ओर से 19 जनवरी को वकील जयंत मेहता ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ये पहले ही कह चुका है कि आप अनिश्चितकाल तक किसी को निलंबित नहीं रख सकते। जयंत मेहता ने कहा था कि पहली घटना पर किसी विधायक को तीन दिनों की अधिकतम सजा दी जा सकती है और दूसरी बार सात दिनों की अधिकतम सजा दी जा सकती है। इस मामले में इन विधायकों की ये पहली सजा है, ऐसे में उन्हें तीन दिन से ज्यादा की सजा नहीं दी जा सकती है।

दरअसल, 15 फरवरी को दिल्ली विधानसभा में उप-राज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान कथित तौर पर बाधा डालने के आरोप में सात भाजपा विधायकों को निलंबित कर दिया गया था। आम आदमी पार्टी विधायक दिलीप पांडेय ने विधानसभा में सातों विधायकों के निलंबन का प्रस्ताव रखा, जिसे पारित कर दिया गया।

दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल ने विधायकों की ओर से बाधा डालने के मामले को विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया। जिन सात विधायकों को निलंबित किया गया उनमें मोहन सिंह बिष्ट, अजय महावर, ओपी शर्मा, अभय वर्मा, अनिल वाजपेयी, जीतेंद्र महाजन और विजेंद्र गुप्ता शामिल हैं।

lakshyatak
Author: lakshyatak

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!