जम्मू-कश्मीर में 5 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को डिजिटल पहल के बारे में जागरूक किया जाएगा-मुख्य सचिव

जम्मू- 31 अगस्त। आईटी विभाग द्वारा आयोजित किए जा रहे ‘डिजिटल सप्ताह‘ की शुरुआत की घोषणा करने के लिए आयोजित एक समारोह में बोलते हुए मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने सभी उपायुक्तों को जम्मू-कश्मीर में डिजिटल पहल के बारे में 5 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने का निर्देश दिया। इस समारोह में यूटी के कोने-कोने से हजारों लोग और स्कूली बच्चे शामिल हुए।

अपने संबोधन के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि ‘भ्रष्टाचार‘ की बीमारी को बड़े पैमाने पर ‘ऑनलाइन सेवाओं‘ के माध्यम से दूर किया जा सकता है और डिजिटल सेवाएं भ्रष्टाचार की बुराई के लिए सबसे अच्छा उपाय हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल सेवाएं न केवल सुलभ और पारदर्शी हैं, बल्कि कम महंगी और बोझिल होने के अलावा भेदभाव रहित और अधिक कुशल भी हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि इस सप्ताह को मनाने का उद्देश्य लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना ही है। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि वे अपने अधिकारों की तलाश करें और अपने घरों से सेवाओं के लिए आवेदन करके शारीरिक रूप से कार्यालयों में जाने से बचें। उन्होंने आईटी विभाग को कॉल सेंटर स्थापित करने या आवेदकों को उनके आवेदन की स्थिति के बारे में संदेश भेजने जैसे तरीके अपनाने के लिए भी प्रेरित किया।

डॉ. मेहता ने दोहराया कि आज जम्मू-कश्मीर शासन में आईटी-सक्षम समाधान अपनाने में शीर्ष पर है। उन्होंने इसे एलजी प्रशासन की ओर से पूरी प्रतिबद्धता बताया और इसका श्रेय ‘टीम जेएंडके‘ को दिया, जिसमें सभी उपायुक्त, एचओडी, सभी प्रशासनिक सचिव और आईटी विभाग के सचिव शामिल थे।

डॉ. मेहता ने कहा कि जब लोगों के दरवाजे पर शासन लाने की बात आती है तो जम्मू-कश्मीर ने खुद को पिछड़े से अग्रणी बनने में एक लंबा सफर तय किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केंद्र शासित प्रदेश को देश के अन्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में उभरना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर में सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए आवश्यक क्षमता, योग्यता, प्रेरणा और इच्छा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल गवर्नेंस नया लोकाचार है और भविष्य के लिए तैयार जम्मू-कश्मीर के लिए आगे बढ़ने का रास्ता है।

उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी श्रेय दिया, जिन्होंने अपने आसपास हो रहे तेज बदलावों के साथ खुद को बहुत कुशलता से ढाल लिया। उन्होंने बताया कि आने वाले महीनों में जम्मू-कश्मीर का लक्ष्य 1016 की वर्तमान संख्या को बढ़ाकर लगभग 1500 तक करना है। हमारा नारा होना चाहिए कि ‘‘डिजिटल है तो सही है‘‘।

इस अवसर पर आयुक्त सचिव, आईटी, प्रेरणा पुरी, जिन्होंने कला केंद्र जम्मू से वस्तुतः कार्यक्रमों की मेजबानी की, ने इस कार्यक्रम को एक शानदार सफलता बनाने में उनके स्पष्ट समर्थन के लिए मंडल और जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यूटी की यह डिजिटल यात्रा उनके सक्रिय समर्थन के बिना संभव नहीं होती। उन्होंने बड़ी संख्या में भाग लेने और अपना उत्साह दिखाने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया।

इसके अतिरिक्त बताया गया कि आईटी विभाग पूरे यूटी में डिजिटल पहल को मान्यता देने के लिए ‘डिजिटल जेएंडके अवार्ड्स‘ की घोषणा करने जा रहा है।

संभागीय आयुक्तों और उपायुक्तों ने अपनी टिप्पणी देते हुए सप्ताह भर के कार्यक्रम के लिए निर्धारित उद्देश्यों को साकार करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने अपने द्वारा तैयार किये गये स्टॉलों एवं सूचना सामग्री के प्रकार और सप्ताह भर के लिए नियोजित गतिविधियों की जानकारी दी।

सप्ताह भर चलने वाले भव्य जागरूकता शिविर हर जिले में कई स्थानों पर एक साथ आयोजित किए जाएंगे, जहां उपायुक्त और अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, पीआरआई, छात्र और आम जनता बड़ी संख्या में भाग लेंगे।

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Author: lakshyatak

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