मधुबनी- 13 सितंबर। पंचायती राज विभाग की ओर से आवंटन नही मिलने के कारण पंचायतों में विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है। जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष सितंबर 2022 में ही त्रिस्तरीय पंचायतों को राशि उपलब्ध कराई गई थी। तब से अब तक यानी तेरह महीने की लंबी अवधि में पंचायत प्रतिनिधि आवंटन की बाट जो रहे हैं। दरअसल गांवों के लोग विकास के लिए चुने हुए स्थानीय नेताओं पर दवाब बना रहे हैं। ऐसे में पंचायत प्रतिनिधि राशि नही मिलने की वजह से काफी मायूस व बेचैन हैं। उल्लेखनीय है कि अगस्त 2022 में 15वीं वित्त आयोग एवं षष्टम राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा पर त्रिस्तरीय पंचायतों को राशि प्राप्त हुई थी। प्राप्त राशि के विरुद्ध पंचायत एवं पंचायत समिति के द्वारा योजनाओं का कार्यान्वयन करा लिया गया है। पिछले वर्ष अगस्त 2022 में ही पंचम राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा पर भी कुछ राशि प्राप्त हुई थी। पंचम राज्य वित्त आयोग से प्राप्त राशि का करीब करीब उपयोग कर लिया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भी योजनाओं का चयन कर लिया गया है। हालांकि कुछ योजनाओं की स्वीकृति अवश्य दी गई है। इसके भुगतान की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। कुल मिलाकर लंबे अरसे से पंचायतों में विकास राशि का आवंटन नही होने से गांवों का विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जानकारों की माने, तो सरकार का यही रवैया रहा, तो आगामी चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। इधर मधुबनी जिला मुखिया महासंघ के अध्यक्ष मिथिलेश झा ने कहा कि सरकार की गलत नीति के कारण आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जो सपना पंचायती राज का था] वह पूरा नही हो रहा है। उनका सपना था कि गांव की अपनी सरकार हो, तथा ग्राम सभा से पारित योजनाओं पर कार्य कराया जाए। परंतू सरकार के द्वारा ससमय पंचायत की राशि नही भेजी जा रही है, तो वहीं सरकारी बाबूओं का आए दिन तरह-तरह का पत्राचार के कारण पंचायत का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है।