नई दिल्ली- 24 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ‘जेनरेशन जेड’ को ‘अमृत पीढ़ी’ की संज्ञा देते हुए कहा कि भारत की ‘अमृत पीढ़ी’ देश को अमृतकाल में नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्र प्रथम’ आपका गाइडिंग प्रिंसिपल होना चाहिए। ‘जेनरेशन जेड’ में 1996 से 2010 के बीच पैदा हुए युवा शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने आवास पर गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने वाले राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) वॉलंटियर्स को संबोधित कर रहे थे। मोदी ने युवाओं को जीवन में अनुशासन का महत्व समझाते हुए उसे मोटिवेशन का मंत्र बनाने की सलाह दी। प्रधानमंत्री ने कहा, “आपकी पीढ़ी को आपके शब्दों में ‘जेनरेशन जेड’ कहा जाता है। लेकिन, मैं आपको ‘अमृत पीढी’ मानता हूं। आप वो लोग हैं, जिनकी ऊर्जा अमृत काल में देश को गति देगी। जो करना है वो देश के लिए करना है। राष्ट्र प्रथम- आपका गाइडिंग प्रिंसिपल होना चाहिए। अपने जीवन में कभी भी विफलता से परेशान नहीं होना है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “आप सभी जानते हैं कि भारत ने 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का संकल्प लिया है। अगले 25 साल आपके और देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमारा संकल्प है कि आपकी अमृत पीढ़ी का हर सपना पूरा हो। हमारा संकल्प है कि आपकी अमृत पीढ़ी के लिए अवसरों की भरमार हो। हमारा संकल्प है कि आपकी अमृत पीढ़ी के रास्ते की हर बाधा दूर हो।”
उन्होंने कहा कि आप (एनसीसी और एनएसएस कैडेट्स) गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा बनने जा रहे हैं। इस बार ये दो वजहों से और विशेष हो गया है। पहला ये कि यह 75वां गणतंत्र दिवस है और दूसरा यह कि पहली बार गणतंत्र दिवस की परेड देश की नारीशक्ति को समर्पित है। मोदी ने कहा कि आज ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ है, आज बेटियों के साहस, जज्बे और उनकी उपलब्धियों का गुणगान करने का दिन है। बेटियों में समाज और देश को बेहतर बनाने की क्षमता होती है। इतिहास के अलग-अलग दौर में भारत की बेटियों ने अपने फौलादी इरादों और समर्पण की भावना से कई बड़े परिवर्तनों की नींव रखी है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कल देश ने एक बड़ा निर्णय लिया है। ये निर्णय जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का है। आज की युवा पीढ़ी के लिए कर्पूरी ठाकुर के बारे में जानना, उनके जीवन से सीखना बहुत जरूरी है। ये हमारी सरकार का सौभाग्य है कि उसे जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि बेहद गरीबी और सामाजिक असमानता जैसी चुनौतियों से लड़ते हुए वे राष्ट्र जीवन में बहुत ऊंचे मुकाम पर पहुंचे थे। वे दो बार बिहार के मुख्यमंत्री भी रहे थे। इसके बावजूद उन्होंने अपना निर्मल स्वभाव और समाज के लिए काम करना कभी नहीं छोड़ा। जननायक कर्पूरी ठाकुर हमेशा अपनी सादगी के लिए जाने जाते रहे। उनका पूरा जीवन सामाजिक न्याय और वंचितों के उत्थान के लिए समर्पित रहा। आज भी उनकी ईमानदारी की मिसाल दी जाती है।
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