इस्लामाबाद- 22 मई। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने सैन्य प्रतिष्ठानों पर 09 मई के हमलों में शामिल नागरिकों के खिलाफ सैन्य अदालतों में मुकदमा चलाने के खिलाफ सोमवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया और सरकार के फैसले को नियत प्रक्रिया और निष्पक्ष सुनवाई की संवैधानिक गारंटी का स्पष्ट उल्लंघन करार दिया।
रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी के अतिरिक्त महासचिव उमर अयूब खान द्वारा दायर याचिका में अनुच्छेद 184 (3) के तहत शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार याचिका में शीर्ष अदालत के सामने 22 सवाल रखे गए हैं। याचिका में अदालत से यह भी पड़ताल करने का अनुरोध किया गया है कि क्या सशस्त्र बलों का अनुरोध दुर्भावनापूर्ण और अधिकार क्षेत्र से बाहर है क्योंकि संघीय सरकार ने दावा किया था कि चुनाव के दौरान सुरक्षा स्थिति के कारण उन्हें तैनात नहीं किया जा सकता।
रिपोर्ट में यह भी सवाल किया गया है कि क्या पीटीआई को आतंकवादी संगठन करार दिया जाना चुनाव नहीं कराने और खान के नेतृत्व वाली पार्टी को चुनावी प्रक्रिया से बेदखल करने की एक चाल है।
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सैन्य और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हाल के हमलों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ सैन्य अधिनियम और आतंकवाद रोधी अधिनियम सहित मौजूदा कानूनों के तहत मुकदमा चलाने के लिए सोमवार को एक प्रस्ताव पारित किया।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने प्रस्ताव रखा जिसे संसद के निचले सदन ने बहुमत से पारित कर दिया। इसमें संकल्प लिया गया है कि नौ मई को सैन्य और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमलों में शामिल दंगाइयों पर मौजूदा कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।
