मुंबई- 15 जुलाई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से अलग होने को लेकर कहा है कि पिछली सरकार सिर्फ कहने को शिवसेना की सरकार थी। उसमें शिवसैनिकों पर सिर्फ मुकदमे हो रहे थे इसलिए उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ अलग राह पकड़ी।
सीएम एकनाथ शिंदे गुरुवार रात एक बजे मुंबई के रवींद्र नाट्य मंदिर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। एकनाथ शिंदे ने कहा कि पिछली सरकार सिर्फ कहने के लिए शिवसेना की सरकार थी, लेकिन सरकार से शिवसेना कार्यकर्ताओं को कुछ नहीं मिल रहा था। उस सरकार में विकास फंड कोई और ही ले जा रहा था। सरकार में किसी अन्य पार्टी का ही विकास हो रहा था। शिवसेना कार्यकर्ताओं पर सिर्फ मामले दर्ज किए जा रहे थे। इसी वजह से उन्होंने 40 विधायकों सहित शिवसेना से अलग होने का निर्णय लिया। लोग इसे बगावत का नाम दे रहे हैं, जबकि यह एक क्रांति है। जो लोग चुनकर नहीं आ सकते वे हमारी तुलना जानवरों से कर रहे हैं। जबकि जिनकी वजह से पार्टी हैं, उनकी कहीं पूछ नहीं थी।
एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनके साथ बड़ी संख्या में शिवसेना कार्यकर्ता खुद जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमत कम करने का जो काम किया है, यह काम ढाई साल पहले ही किया जाना चाहिए था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बैठक ऐतिहासिक है, आधी रात में ऐसी सभा कोई नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि हमने देखा एनसीपी हर जगह विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही थी लेकिन विधायकों को फंड नहीं मिल रहा था, इसी वजह से हमने शिवसेना छोड़ने का निर्णय लिया।
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