नई दिल्ली-14 नवंबर। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सख्ती बरतते हुए कहा कि दिल्ली-एनसीआर में लॉकडाउन लगाने पर भी विचार हो। कोर्ट ने 13 नवम्बर को सुझाव दिया कि सरकार दिल्ली में दो दिन का लॉकडाउन लगाने पर विचार करे। मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी।
आमतौर पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं होती है, लेकिन आज चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता में विशेष सुनवाई की गई। सुनवाई की शुरुआत में जब केंद्र सरकार ने कहा कि समस्या से निपटने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं, जो लोग पराली जला रहे हैं उन पर जुर्माना लगाना होगा।
कोर्ट ने कहा कि सिर्फ पराली जलाने वाले किसानों को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते है। 70 प्रतिशत प्रदूषण की वजह धूल,गाड़ियां और दूसरी चीजें हैं, उस पर लगाम लगे। कोर्ट ने कहा कि हालत बहुत गंभीर है। केंद्र और राज्य बिना एक-दूसरे पर दोष मढ़े इमरजेंसी कदम उठाएं। कोर्ट ने बच्चों को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि स्कूल खुल गए हैं, बच्चे सीधे प्रदूषण की चपेट में है, आप इस बारे में क्या कर रहे हैं।
कोर्ट ने पराली के प्रबंधन के लिए मशीन पर भी सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा कि क्या सब्सिडी के बाद भी किसान इसे खरीद सकते हैं। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि मैं खुद किसान हूं। चीफ जस्टिस खुद किसान हैं, हम हकीकत को समझते हैं। क्या बेहतर नहीं होगा, अगर सरकार पराली किसानों से लेकर इसको सीधे इंडस्ट्रीज को सप्लाई कर दे।
सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आज केंद्र और राज्यों के चीफ सेकेट्री मीटिंग कर रहे हैं। उसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि 15 नवंबर तक बताएं कि ऐसे गंभीर हालात में क्या कदम उठा रही है।