जयपुर- 02 मई। जयपुर मेट्रो की स्थाई लोक अदालत ने सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन के एमडी व सहारा इंडिया हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन को निर्देश दिए हैं कि वे प्रार्थिया को ब्याज सहित उसकी निवेश राशि 5,11,048 रुपए का तुरंत भुगतान करें। वहीं अदालत ने प्रार्थिया को कहा है कि वह अप्रार्थी से संपर्क कर सभी औपचारिकताएं पूरा करे। स्थाई लोक अदालत ने यह आदेश रजनी गुप्ता के प्रार्थना पत्र को मंजूर करते हुए दिए।
प्रार्थना पत्र में कहा गया कि प्रार्थिया ने सहारा समूह की कंपनियों में निवेश किया था। जिस पर कंपनी ने उसे रसीद व बांड जारी किए थे। वहीं बाद में उससे बांड लेकर उसे सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट्स रेंज लिमिटेड के नाम से नए प्रमाण पत्र जारी किए। ये बांड अवधि पूरी होने के बाद परिपक्व हो गए, लेकिन उनकी राशि का भुगतान उन्हें नहीं किया। इसलिए उनकी निवेश राशि ब्याज सहित उन्हें दिलाई जाए। जवाब में विपक्षी ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों के कारण कंपनी उसकी निवेश राशि नहीं दे पा रही है। भविष्य में नियम व शर्तों के अनुसार प्रार्थिया को उसकी निवेश राशि दे दी जाएगी। विपक्षी कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सहारा ग्रुप ऑफ कंपनीज में नामित कंपनियों की ओर से करीब 22 हजार करोड रुपए सेबी में जमा भी करवा रखे हैं। दोनों पक्षों को सुनकर लोक अदालत ने विपक्षी को निर्देश दिया कि वह सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद प्रार्थिया को परिपक्वता राशि भुगतान करे।