“श्री महाकाल लोक” में भगवान शंकर के विविध रूप देखने का मिलेगा सौभाग्य

भोपाल- 11 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उज्जैन में आज (मंगलवार) शाम महाकालेश्वर मंदिर में “श्री महाकाल लोक” का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि “श्री महाकाल लोक” एक ऐसा लोक है, जहां भगवान शंकर के विविध रूप देखने का सौभाग्य प्राप्त होगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमने जो स्वप्न 2017 में देखा था, वह अब साकार हो रहा है। श्री महाकाल महाराज की कृपा प्रदेश और देश में बनी रहे, सबका मंगल और कल्याण हो यही मेरी कामना है। पौराणिक नगरी उज्जैन के वैभव, परम्पराओं, धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को पूरी तरह ध्यान में रखते हुए राज्य शासन द्वारा श्री महाकाल क्षेत्र के समग्र विकास के लिये बनाई गई प्रभावी विकास योजना अब मूर्तरूप ले रही है। प्रधानमंत्री गरिमामय समारोह में योजना के प्रथम चरण के कार्यों का लोकार्पण करने उज्जैन आ रहे हैं। यह गर्व और सौभाग्य का विषय है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी आज सायंकाल 5.25 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर आएंगे और श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन कर पूजा-अर्चना करेंगे। प्रधानमंत्री सायंकाल 6.25 से 7.05 बजे तक “श्री महाकाल लोक” राष्ट्र को समर्पित कर कार्तिक मेला ग्राउंड में जन समारोह में शामिल होंगे।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में “बनारस कॉरीडोर” की तर्ज पर “श्री महाकाल लोक” बनाया जा रहा है। “श्री महाकाल लोक” क्षेत्र विकास परियोजना की अनुमानित लागत 800 करोड़ रुपये है। योजना के प्रथम चरण में 350 करोड़ रुपये की लागत से भगवान श्री महाकालेश्वर के आंगन में छोटे और बड़े रुद्रसागर, हरसिद्ध मंदिर, चार धाम मंदिर, विक्रम टीला आदि का विकास किया गया है। इसमें महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिड-वे झोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डैक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्पलेक्स और गणेश स्कूल कॉम्पलेक्स का कार्य शामिल हैं।

महाकाल कॉरिडोर के प्रथम घटक में पैदल चलने के लिए उपयुक्त 200 मीटर लंबा मार्ग बनाया गया है। इसमें 25 फीट ऊंची एवं 500 मीटर लंबी म्युरल वॉल बनाई गई है। साथ ही 108 शिव स्तंभ, शिव की विभिन्न मुद्राओं सहित निर्मित हो चुके हैं, जो अलग ही छटा बिखेर रहे हैं। इन स्तंभों में भगवान शिव के आनंद तांडव स्वरूप को दर्शाया गया है। महाकाल पथ के किनारे भगवान शिव को दर्शाने वाली धार्मिक मूर्तियां स्थापित की गई हैं। पथ के साथ दीवार चित्र शिव पुराण की कहानियों पर आधारित हैं। लोटस पोंड, ओपन एयर थिएटर तथा लेक फ्रंट एरिया और ई-रिक्शा एवं आकस्मिक वाहनों के लिए मार्ग भी बनाए गए हैं। बड़े रूद्र सागर की झील में स्वच्छ पानी भरा गया है।

दूसरे चरण के कार्य वर्ष 2023-24 में पूर्ण होंगे। इस चरण में महाराजवाड़ा परिसर का विकास किया जाएगा। जिसमें ऐतिहासिक महाराजवाड़ा भवन का हेरिटेज के रूप में पुनर्पयोग, कुंभ संग्रहालय के रूप में पुराने अवशेषों का समावेश और इस परिसर का महाकाल मंदिर परिसर से एकीकरण किया जाएगा।

प्रथम चरण के कार्यों का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पण करने के बाद इसे आम श्रद्धालुओं के लिये खोल दिया जाएगा। प्रथम चरण के कार्यों के खुलते ही हरि फाटक ब्रिज की चौथी भुजा से आकर श्रद्धालु जैसे ही त्रिवेणी संग्रहालय पहुंचेंगे, उन्हें बाबा श्री महाकाल के अलौकिक दर्शन होंगे। तीर्थयात्रियों को विश्वस्तरीय आधुनिक सुविधाएं प्राप्त होंगी। मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों के अनुभव स्मरणीय रहेंगे।

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Author: lakshyatak

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