मधुबनी- 30 मार्च। बिहार में बाल सुधार गृह अकसर सुर्खियों में बने रहते हैं। इस बार मधुबनी के बाल सुधार गृह की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। दरअसल मधुबनी बाल गृह में 3-4 दिन पहले एक बच्चे को रखा गया था। परंतु बाल गृह के पांच सुरक्षा गार्ड और दर्जनों कर्मी उस बालक को संभाल कर रखने में विफल हो गए और बालक सभी को चकमा देकर फरार हो गया। अब इसकी तलाशी शिद्दत से की जा रही है। लेकिन अब वो बच्चा कहां है, इसका कुछ भी पता नहीं, परंतु जिस तरह से बच्चा फरार हुआ उससे अधिकारियों की कार्यशैली कटघरे में है। इस दौरान बाल सुधार गृह में सिर्फ एक ही नाबालिग बच्चा था। जिसे भी ये सभी मिलकर नहीं संभाल पाए हैं।
सुधार गृह से फरार हुआ इकलौता नाबालिग बच्चा—
हम इसे बाल गृह कर्मियों की लापरवाही इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सभी कर्मी मिलकर भी एक बच्चे को भी नहीं संभाल पाए। ऐसे में बाल गृह पर सवाल खड़ा करना लाजमी भी है, क्योंकि सरकार इस मधुबनी बाल गृह के संचालन के लिए सालाना करीब 50 लाख रुपये खर्च करती है। पिछले 6 महीने से इस बाल गृह में एक भी बच्चा नहीं था यानी की ये बाल गृह खाली पड़ी हुआ था। 4-5 दिन पहले ही यहां एक बच्चे को लाया गया था। जिसे भी यहां के कर्मी संभाल नहीं पाए। बताया जा रहा है कि आधार कार्ड बनवाने के लिए बच्चे को लेकर पोस्ट ऑफिस गए थे। साथ में कई सुरक्षा गार्ड भी थे। परंतु एक बच्चा इन्हें चकमा दे कर फरार हो गया। मधुबनी बाल गृह में सुरक्षा के नाम पर लगभग पांच सुरक्षा कर्मी,दो शिक्षक और 10 से अधिक कर्मी काम कर रहे हैं, लेकिन इतनी सारी व्यवस्था करने का क्या फायदा जब बाल गृह में एक बच्चे को भा नहीं संभाल पाए। छह महीने पहले यहां जितने भी बच्चे थे उन सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति के द्वारा उनके माता-पिता का पता लगा कर सौंप दिया गया था। इसके बाद भी अगर कोई बच्चा रह गया था तो उसे स्किल डेवलपमेंट योजना के तहत पढ़ने के लिए बाहर भेज दिया गया था। अब देखना ये है कि क्या ये सिर्फ एक चूक है या फिर इसके पीछे कोई साज़िश है। हालांकि ये तो जांच के बाद ही साफ हो पायेगा।
