[the_ad id='16714']

बिहार नगरपालिका एक्ट के संशोधन की वैधता पर पटना हाई कोर्ट ने की सुनवाई

पटना- 26 अप्रैल। पटना हाईकोर्ट में बिहार नगरपालिका एक्ट-2007 के चेप्टर 5 व 31 मार्च, 2021 को राज्य सरकार द्वारा किए गए संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 27 अप्रैल को होगी ।चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन ने डॉ आशीष कुमार सिन्हा की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की।यह मामला नगरपालिका में संवर्ग की स्वायत्तता से जुड़ा हुआ है। हाईकोर्ट को अधिवक्ता मयूरी ने बताया कि इस संशोधन के तहत नियुक्ति और तबादला को सशक्त स्थाई समिति में निहित अधिकार को ले लिया गया है और यह अधिकार अब राज्य सरकार में निहित हो गया है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता मयूरी ने कोर्ट को बताया था कि अन्य सभी राज्यों में नगर निगम के कर्मियों की नियुक्ति नियमानुसार निगम द्वारा ही की जाती है। उनका कहना था कि नगर निगम एक स्वायत्त निकाय है, इसलिए इसे दैनिक क्रिया कलापों में स्वयं काम करने देना चाहिए। हाईकोर्ट को आगे यह भी बताया गया की चेप्टर-5 में दिए गए प्रावधान के मुताबिक निगम में ए और बी केटेगरी में नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकार को है, जबकि सी और डी केटेगरी में नियुक्ति के मामले में निगम को बहुत थोड़ा सा नियंत्रण दिया गया है। 31 मार्च को किये गए संशोधन से सी और डी केटेगरी के मामले में भी निगम के ये सीमित अधिकार को भी मनमाने ढंग से ले लिये गए है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 27 अप्रैल 2022 को होगी।

lakshyatak
Author: lakshyatak

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!