जयपुर- 9 अगस्त। गहलोत सरकार ने चुनावी साल से पहले एक बार फिर राजनीतिक नियुक्तियों का दौर शुरू कर दिया है। इस बार बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में आने वाले दो विधायकों को राजनीतिक नियुक्ति दी गई है।
भरतपुर के नगर से विधायक वाजिब अली को राज्य खाद्य आयोग का चेयरमैन और अलवर के तिजारा से विधायक संदीप यादव को भिवाड़ी शहरी आधारभूत विकास बोर्ड में चेयरमैन के पद पर नियुक्त किया गया है। दोनों विधायकों को कोई वेतन भत्ते नहीं मिलेंगे। सोमवार देर रात जारी वाजिब अली के नियुक्ति आदेशों में साफ जिक्र है कि इस पद पर कोई वेतन भत्ते या आर्थिक लाभ नहीं मिलेगा। अभी विधायक वाजिब अली और संदीप यादव, विधायक लाखन मीणा के साथ ऑस्ट्रेलिया में घूम रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया से 12 अगस्त को उनका वापस लौटने का कार्यक्रम है।

दोनों विधायकों को पहले राजनीतिक नियुक्तियां पा चुके बाकी विधायकों की तरह कोई सुविधाएं नहीं मिलेंगी, लेकिन गहलोत के इस निर्णय से बसपा का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल होने वाले सभी छह विधायकों को कोई ना कोई पद दे दिया गया है। बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने वाले राजेंद्र गुढ़ा को गहलोत सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री बनाया गया है, तो वहीं चार विधायकों जोगिंदर अवाना, लाखन सिंह, संदीप यादव और वाजिब अली को राज्य सरकार ने राजनीतिक नियुक्ति दी है।
पहले मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की ओर से कहा जा रहा था कि जिन बसपा विधायकों ने अपनी पार्टी छोड़ कांग्रेस का दामन थाना, उनके साथ न्याय नहीं हो रहा है। ऐसा भी कहा जा रहा था कि कांग्रेस से नाराज सभी छह विधायक दिल्ली जाकर कांग्रेस आलाकमान से मिलकर अपनी नाराजगी जता सकते हैं। हालांकि इससे पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए वाजिब अली और संदीप यादव को राजनीतिक नियुक्ति दे दी है।
इससे पहले बोर्ड निगमों में चेयरमैन बनाए गए विधायकों को भी कैबिनेट या राज्यमंत्री का दर्जा नहीं दिया गया है। केवल गैर विधायक बोर्ड निगमों के अध्यक्षों को मंत्री का दर्जा और वेतन भत्ते मिल रहे हैं। कांग्रेस में विलय के करीब तीन साल बाद छहों विधायकों को सत्ता में भागीदारी मिली है। सितंबर 2019 में छहों विधायक बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। सरकार में पद नहीं मिलने पर संदीप यादव और वाजिब अली कई बार नाराजगी जता चुके हैं। वाजिब और संदीप ने हाल ही कहा था कि उनसे विलय के वक्त किए गए वादे पूरे नहीं किए गए। मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी कई बार इस देरी पर नाराजगी जता चुके हैं। अब राजनीतिक नियुक्ति मिलने के बाद बसपा मूल के विधायकों का सरकार में हिस्सेदारी का मुद्दा सुलझ गया है।
मौजूदा राजनीतिक नियुक्ति के बाद अब भरतपुर जिला सरकार में हिस्सेदारी के मामले में टॉप पर है जहां 7 में से 6 विधायक सत्ता में कोई न कोई पद पर हैं। भरतपुर में 7 विधायकों में चार मंत्री, दो विधायक बोर्ड-आयोगों के चेयरमैन हैं। डीग कुम्हेर से विधायक विश्वेंद्र सिंह, वैर से विधायक भजनाल जाटव सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। कामां से विधायक जाहिदा खान और भरतपुर से आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग राज्य मंत्री हैं। नदबई से विधायक जोगिन्दर सिंह अवाना देवनारायण बोर्ड के चेयरमैन और नगर से विधायक वाजिब अली खाद्य सुरक्षा आयोग के अध्यक्ष हैं। बयाना से सचिन पायलट समर्थक विधायक अमर सिंह जाटव को छोड़कर भरतपुर के बाकी सभी 6 विधायकों को सरकार में जिम्मेदारी मिल गई है।
