इस्लामाबाद- 29 अगस्त। महंगाई और बिजली दरों पर बेतहाशा वृद्धि से जूझ रहे पाकिस्तान के लोगों को आज कुछ छूट मिल सकती है। बढ़े हुए बिजली बिलों के खिलाफ अवाम के प्रदर्शन के मद्देनजर ऊर्जा मंत्रालय ने मुद्रा स्फीति से प्रभावित आबादी को राहत देने के लिए प्रस्तावों की एक सूची को अंतिम रूप दिया है। उसे मंजूरी के लिए आज (मंगलवार) संघीय कैबिनेट की बैठक में पेश किया जाना है। इस मसले पर जमात-ए-इस्लामी ने एक सितंबर को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी आज अंतरिम सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी और कार्यवाहक सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी के सोमवार के बयान के हवाले से दी गई है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि देशभर में लगातार चौथे दिन विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बिजली दरों में कमी और बिलों पर अतिरिक्त करों को हटाया नहीं गया तो वह बिलों का भुगतान नहीं करेंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार एक दिन पहले कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकर ने आपातकालीन बैठक बुलाकर संबंधित अधिकारियों को उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए 48 घंटे के भीतर प्रभावी योजना लाने का निर्देश दिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोलांगी ने कहा कि यह ‘वास्तविक तरीके से राहत’ होगी, न कि केवल बोझ कम करने के लिए मासिक किस्त को तोड़ना। अगर हमने सीमित समय के लिए भी देश को चलाने की जिम्मेदारी ली है, तो हमें जनता को कुछ राहत देनी होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस आंदोलन से मुख्यधारा के राजनीतिक दल विशेष रूप से वे जो पीएमएल-एन के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा थे असमंजस में हैं। वह देश भर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाने में असमर्थ हैं। आंदोलन में शामिल होने में इन पार्टियों की विफलता ने जमात-ए-इस्लामी जैसी धार्मिक-राजनीतिक ताकतों के लिए भुनाने का रास्ता खुला छोड़ दिया है। संगठन के सिराजुल हक ने 1 सितंबर को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने जरूर विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की धमकी दी है।