कोलकाता- 12 नवंबर। रविवार को महानगर कोलकाता समेत पूरे पश्चिम बंगाल में दीपोत्सव का त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ है। हालांकि शनिवार को हुई सामुदायिक काली पूजा का विसर्जन रविवार से होने का मुहूर्त था लेकिन अधिकतर लोगों ने दीपावली की वजह से मां काली की प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं किया। राजधानी कोलकाता समेत हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना तथा सुदूर बंगाल के विस्तृत इलाके में लोगों ने घरों में दिए जलाकर दीपावली का त्योहार मनाया है। बच्चों ने बड़ी संख्या में पटाखे भी फोड़ा।
सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के बावजूद मंगलवार को काली पूजा के दिन और रात भी जमकर पटाखे फूटे और बुधवार को दीपावली पर भी शाम के समय से ही सभी इलाकों में आतिशबाजियां शुरू हो गई थीं। हालांकि इस साल इस पर प्रतिबंध के लिए पश्चिम बंगाल राज्य प्रशासन ने सुरक्षा कड़ी की थी लेकिन इसका बहुत अधिक लाभ नहीं हुआ है।
राज्य सचिवालय नवान्न के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पूरे राज्य में कमोबेश तीन हजार लोगों को प्रतिबंधित पटाखे फोड़ने के लिए गिरफ्तार किया गया है। इनमें से अकेले कोलकाता में करीब 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बिधाननगर और सॉल्टलेक के क्षेत्रों में 200 लोगों को, हावड़ा में कमोबेश 300 लोगों को और राज्य के अन्य हिस्सों में भी प्रतिबंधित पटाखे जलाने वाले लोगों की गिरफ्तारी हुई है। यह आंकड़ा रविवार शाम 4:00 बजे तक का है। दीपावली की रात गिरफ्तार लोगों की संख्या और अधिक बढ़ सकती है। कोलकाता पुलिस ने सुरक्षा के लिए तीन हजार कर्मियों को सड़कों पर उतारा था। पूरी राजधानी के महत्वपूर्ण चौराहों और जन बहुल इलाकों में पुलिस की टोलियां रात भर गश्त लगाती रही। कुछ एक जगह से आतिशबाजी की वजह से आग लगने की घटनाएं भी घटीं लेकिन अग्निशमन की गाड़ियों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर काबू किया है। कहीं भी किसी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
खास बात यह है कि इस बार सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया है कि रात 8:00 बजे से 10:00 बजे के बीच केवल दो घंटे में आतिशबाजी होनी चाहिए। इसे सुनिश्चित करने के लिए पुलिस के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भी पूरे राज्य में निगरानी रख रहे हैं। अकेले कोलकाता में बोर्ड की सात टीम शनिवार रात से ही चक्कर लगा रही हैं और किसी भी तरह की आतिशबाजी की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचकर पुलिस की मदद से प्रतिबंधित पटाखों को जब्त करने का काम भी किया जा रहा है।
दीपावली पर प्रदूषण लेवल हाई दीपावली की पूर्व संध्या पर आतिशबाजी की वजह से रात 11:00 बजे के करीब प्रदूषण का आंकड़ा अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। कोलकाता में 2.5 पीएम पर प्रदूषण लेवल शनिवार की रात 11:00 बजे 670 था जो सामान्य से सात गुना ज्यादा है जबकि हावड़ा और सिलीगुड़ी में यह 1000 का आंकड़ा पार कर गया था। रविवार की रात यह कमोबेश 1500 के करीब पहुंचने की आशंका है जो बेहद खतरनाक है।
इसके अलावा रविवार सुबह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य वासियों को दीपावली की शुभकामनाएं प्रेषित की थी। राज्यपाल ने भी शांतिपूर्वक दीपावली बीतने की कामना करते हुए राज्य वासियों को बधाइयां दी थी। रविवार को कोलकाता की सभी महत्वपूर्ण इमारतें, बाजार, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, रेस्तरां आदि दीपावली की फुलझड़ी और बिजली से जलने वाली बत्तियों की रोशनी में नहा गए थे। राज्य सचिवालय नवान्न को विशेष तौर पर सफेद और ब्लू लाइट से सजाया गया था। द्वितीय सचिवालय राइटर्स बिल्डिंग को भी सफेद और ब्लू लाइट से सजाया गया था। रविवार की शाम ढलते ही पूरा कोलकाता रंग बिरंगी रोशनी से जगमग कर रहा था।
कोलकाता का अंतरराष्ट्रीय पहचान और प्रवेश द्वार के रूप में विख्यात हावड़ा ब्रिज भी दीपावली के दिन रंग बिरंगी रोशनी से नहा उठा था। कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की ओर से हावड़ा ब्रिज को नीली, हरी और पीली रोशनी से सजाया गया था। कुल मिलाकर कहा जाए तो पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता समेत राज्य भर में दीपावली का त्योहार धूमधाम से उत्साह के साथ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ है। हालांकि आतिशबाजो ने सुप्रीम कोर्ट और राज्य प्रशासन की सारी व्यवस्थाओं को धता बताकर जमकर पटाखे फोड़े हैं जिससे राज्य में वायु प्रदूषण का लेवल भी काफी बढ़ गया था।