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इस्मा ने चीनी उत्पादन का अनुमान 3.5 फीसदी घटाकर 328 लाख टन किया

नई दिल्ली- 26 अप्रैल। देश में चीनी विपणन वर्ष 2022-23 में चीनी का उत्पादन कम होने का अनुमान है। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने सितंबर में समाप्त होने वाले चालू चीनी विपणन वर्ष के लिए चीनी उत्पादन के अपने अनुमान को 3.5 फीसदी घटाकर 328 लाख टन कर दिया है। इस्मा ने पहले 340 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान जताया था।

उद्योग निकाय इस्मा ने बुधवार को एक बयान में कहा कि चालू चीनी विपणन वर्ष 2022-23 में चीनी उत्पादन 3.5 फीसदी घटकर 328 लाख टन रहने का अनुमान है। इस्मा के मुताबिक चीनी विपणन वर्ष 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) में महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 121 लाख टन के पहले के अनुमान से घटकर 105 लाख टन तक रहने की वजह से कुल चीनी उत्पादन के अनुमान में संशोधन किया गया है।

इस्मा के मुताबिक इथेनॉल उत्पादन के लिए करीब 40 लाख टन गन्ना शीरे के इस्तेमाल को ध्यान में रखते हुए चीनी विपणन वर्ष 2022-23 के लिए चीनी उत्पादन के अनुमान को संशोधित कर 328 लाख टन किया गया है। उद्योग निकाय ने जनवरी में इथेनॉल के लिए 45 लाख टन गन्ना शीरे के इस्तेमाल को ध्यान में रखने के बाद कुल 340 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान जताया था। हालांकि, पिछले चीनी विपणन वर्ष 2021-22 में इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के उपयोग के बाद चीनी का उत्पादन 358 लाख टन रहा था।

उद्योग निकाय के मुताबिक महाराष्ट्र में गन्ने के पेराई का सत्र लगभग 105 लाख टन चीनी उत्पादन पर समाप्त हो गया है, जो हमारे पहले के अनुमान से कम है। वहीं, उत्तर प्रदेश में चीनी विपणन वर्ष 2022-23 के लिए चीनी के उत्पादन को पहले के अनुमानित 101 लाख टन से संशोधित कर 105 लाख टन कर दिया गया है। हालांकि, कर्नाटक में चीनी उत्पादन को चालू चीनी विपणन वर्ष 2022-23 में पहले के 56 लाख टन के अनुमान से बढ़ाकर 57 लाख टन किया गया है।

इस्मा ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि सितंबर महीने में समाप्त होने वाले चीनी विपणन वर्ष 2022-23 में 15 अप्रैल तक चीनी उत्पादन छह फीसदी घटकर 311 लाख टन रह गया है, जिसकी मुख्य वजह महाराष्ट्र में कम उत्पादन होना है। हालांकि, पिछले चीनी विपणन वर्ष की इसी अवधि में चीनी का उत्पादन 328.7 लाख टन रहा था। सरकार ने चीनी विपणन वर्ष 2022-23 के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी है, जबकि इससे पिछले चीनी विपणन वर्ष 2021-22 में लगभग 110 लाख टन का निर्यात किया गया था, जो अबतक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है।

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Author: lakshyatak

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