लखनऊ- 18 सितम्बर। उत्तर प्रदेश के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर अब बच्चों के लिए स्वच्छ पेय जल, बाल सुलभ शौचालय, हाथ धोने की व्यवस्था आदि अन्य बाल मैत्रिक सेवाएँ उपलब्ध होंगी। विद्यालय कायाकल्प की ही भांति प्रदेश के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों का भी कायाकल्प किया जाएगा। यह जानकारी प्रदेश की महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य ने दी।
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों (डीपीओ) का एक दिवसीय राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण सोमवार को बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से किया गया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए बेबी रानी मौर्य ने कहा, “आंगनवाड़ी केंद्रों का कायाकल्प बच्चों के विकास को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगा। इस कार्य को विभाग के सभी अधिकारियों को मिल कर सुनिश्चित करना होगा और प्रदेश के बच्चों को शिक्षा और पोषण की उचित शुरुआत देने में सहयोग करना होगा”।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 1,89,000 आंगनवाड़ी केंद्र हैं जहां छः वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती/स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित आवश्यक सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कहा, “बच्चों को गुणवत्तापूर्व शाला पूर्व शिक्षा देना प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री का सपना है। आंगनवाड़ी कायाकल्प के माध्यम से आंगनवाड़ी केंद्रों पर दी जाने वाली सुविधाएँ और सेवाएँ को बच्चों के अनुकूल बना कर इस सपने को साकार किया जा सकता है”।
कार्यक्रम में उपस्थित अनामिका सिंह, सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने चरणबद्ध तरह से सभी आंगनवाड़ी केंद्रों के कायाकल्प हेतु अधिकारियों को प्रेरित किया और अंतर विभागीय समन्वय पर जोर दिया।
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की निदेशक, सरनीत कौर ब्रोका ने कहा, “आंगनवाड़ी कायाकल्प अभियान के अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्र परिसर को बाल सुलभ बनाने हेतु 18 बिंदुओं पर कार्य किया जाएगा ।
आंगनवाड़ी कायाकल्प कार्यक्रम के अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का क्षमता वर्धन भी किया जाएगा जिससे बच्चों के शुरुवाती वर्षों में उन्हें सर्वाेत्तम सेवाएँ प्रदान की जाएँ”।
यूनिसेफ़ के वाश ऑफिसर कुमार विक्रम ने कहा, “स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण हर बच्चे का अधिकार है। आकर्षक आंगनवाड़ी केंद्र एवं बाल सुलभ जल एवं स्वच्छता सेवाएँ बच्चों को बीमारियों एवं कुपोषण से सुरक्षित करने में सहायक होंगे और बच्चों को केंद्र पर आने के लिए प्रेरित करेंगी।
कार्यशाला में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के उप निदेशक ज़फ़र खान एवं अनुपम शांडिल्य सहित यूनिसेफ के अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन अनुपम शांडिल्य ने किया।