MADHUBANI: नौकरी व आयकर दाखिल करने वालों को मिला अल्पसंख्यक रोजगार का लाभ

मधुबनी- 31 जुलाई। मधुबनी जिले में कुछ वर्षो से अल्पसंख्य रोजगार ऋण योजना में लाभुकों के चयन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करने का मामला समाने आया है। इसके तहत प्रखंड स्तर पर स्थलीय रिपोर्ट तैयार करने वाले कर्मी व अधिकारी की मिलीभगत से मेरिट लिस्ट के लिए आवश्यक कागजात में काफी फर्जीवाड़ा किया गया है। वहीं कई ऐसे लोगों को लाभ दे दिया गया है जो पहले से आयकर रिटर्न दाखिल कर रहे है। कई ऐसे लोगों को लाभ दिया गया, जो नौकरी में हैं। या फिर उनके पति या पत्नी नौकरी में हैं। जरूरतमंद बेरोजगार युवक भकटते रहे और माल असबाव वाले येाजना का लाभ झटक लिया है। कई संगठनों ने इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए ऐसे लाभुकों से सूद समेत राशि वसूली करने और स्थलीय निरीक्षण के दौरान रिपोर्ट बनाने वाले कर्मी व अधिकारी पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। समाजसेवी परवेज हसन दानिश ने इस संबंध में डीएम को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें उन्होंने बताया है कि विभाग पारदर्शिता के साथ काम नहीं कर रहा है। अभी मेरिट लिस्ट का प्रकाशन किया गया है।

जबकि सभी आवेदकों के मेरिट लिस्ट का प्रकाशन किया जाता और उसमें उनका अंक दिया जाना चाहिए। ताकि जिनका चयन हुआ है उसे प्राप्त अंक की जानकारी सार्वजनिक होता और जिनका चयन नहीं हुआ, उन्हें मालूम हो पाता कि किस वजह से उन्हें कम प्राप्त हुआ है। बताया कि इसकी उच्चस्तरीय जांच के लिए सीएम के जनता दरबार में गुहार लगायी जायेगी। ताकि जरूरतमंद एवं सही में कारोबार शुरू करने वालों को इसका लाभ मिल सके। वहीं चालू साल में जिले से 1800 आवेदकों ने रोजगार शुरू करने के लिए विभाग में आवेदन दिया था। लेकिन विभाग ने जो राशि आंवटित की है, उससे जिले के केवल दो सौ लाभुकों को ही इसका लाभ मिल पाया है। आवेदकों ने अपना जो प्रोजेक्ट दिया है। तथा उसका चयन हुआ है, उसमें से प्रखंडवार आवंटित राशि को देखते हुए कट ऑफ लिस्ट तैयार किया गया और नीचे अंक पान वाले लाभ से वंचित रह गये हैं।

खुद को बचा रहे हैं अधिकारी–

जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी अनुराग कुमार ने बताया कि आवेदकों की जांच फील्ड स्तर पर की जाती है। उनके रिपोर्ट के आलोक में कट ऑफ मार्क्स तैयार कर सूची तैयार की जाती है। हर डाक्यूमेंट के लिए अंक निर्धारित है। फिर उनकी काउंसिलिंग की जाती है। इसके बाद क्षेत्रीय पदाधिकारी के द्वारा संवीक्षा की जाती है। इसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाता है। इस लिए इसमें किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं है।

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Author: lakshyatak

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