जालोर- 06 अगस्त। राजस्थान में 20 दिन के भीतर एक और संत ने खुदकुशी कर ली। भाजपा विधायक पर आश्रम का रास्ता बंद करने का आरोप लगाकर संत ने अपने आश्रम में ही लगे पेड़ पर फंदा लगाकर जान दे दी। मामले की सूचना मिलने पर प्रशासन में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे अफसरों ने शव को पेड़ से उतारना चाहा, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण वह ऐसा नहीं कर पाए। आश्रम के साधु और ग्रामीण मांग कर रहे थे कि संत का सुसाइड नोट सार्वजनिक किया जाए। करीब 28 घंटे बाद प्रशासन ने जब उनकी शर्त मांगी तब वे शव को उतार पाए।
इधर, बाबा को समाधि देते वक्त जगह को लेकर शनिवार को विवाद हो गया। साधु के समर्थक विधायक की जमीन पर समाधि देना चाहते थे, इस पर पुलिस ने रोका। इससे नाराज लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पथराव में 20 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है। वहीं एक कांस्टेबल को भी चोट लगी है, जिसे हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है। फिलहाल समाधि नहीं दी जा सकी है।
जिले के राजपुरा गांव में हनुमान आश्रम के साधु रविनाथ महाराज (60) ने गुरुवार देर रात आश्रम में सुसाइड कर लिया था। शव शनिवार सुबह करीब 10.30 बजे उतारा गया। इससे पहले शुक्रवार रात को करीब आठ बजे भीनमाल से भाजपा विधायक पूराराम चौधरी सहित तीन लोगों के खिलाफ जातिसूचक शब्द कहने व धमकाने का मामला दर्ज किया गया। आश्रम और सुंधा माता सड़क के बीच भीनमाल विधायक पूराराम चौधरी की 20 बीघा जमीन है। इस जगह विधायक चौधरी का रिजॉर्ट प्रस्तावित है। जमीन करोड़ों की बताई जा रही है। यदि जमीन की चारदीवारी बनाई जाती है तो सड़क से आश्रम जाने का रास्ता बंद हो जाता है।
पिछले दो दिनों से इस जमीन की पैमाइश करवाई जा रही थी। बताया जा रहा है कि रास्ता बंद होने व विधायक की दादागिरी से परेशान संत रविनाथ ने सुसाइड कर लिया।
मांगों पर सहमति के बाद भी साधु-संतों का कहना है कि यहां सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं। वहीं दो दिन से आश्रम के आसपास पांच से अधिक थानों का पुलिस बल तैनात है। जसवंतपुरा एसडीएम राजेंद्र सिंह ने बताया कि हमने आश्रम तक रास्ता देने की बात मान ली है। प्रशासन और साधु-संतों के बीच बनी सहमति के बाद श्री बाला हनुमान जी आश्रम तक जाने के लिए प्रशासन आधिकारिक तौर पर रास्ता देगा। आश्रम व सड़क के बीच विधायक की ओर से खुदवाई गई खाई को रेती से भरा जाएगा। जसवंतपुरा थानाधिकारी मनीष सोनी ने बताया कि संत के भतीजे बाबूराम ने विधायक पूराराम चौधरी, ड्राइवर धनसिंह व बीजनाथ उर्फ छोगाराम के खिलाफ साधु को धमकाने, जातिसूचक शब्दों से प्रताड़ित करने और मारपीट करने का मामला दर्ज कराया है।मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। दिवंगत संत रविनाथ महाराज का वास्तविक नाम वगताराम मेघवाल निवासी पंसेरी (जालोर) है। उनकी पत्नी का नाम काली बाई है। बच्चे नहीं होने पर 20 साल पहले दोनों ने संन्यास ले लिया। पिछले साल कोरोना संक्रमण के कारण पत्नी काली बाई का देहांत हो गया था।गौरतलब है कि करीब 17 दिन पहले भरतपुर के पसोपा गांव में संत बाबा विजय दास ने अवैध खनन के विरोध में खुद को आग लगा ली। वे साधु-संतों के साथ पिछले 551 दिन से आंदोलन कर रहे थे।
