झुंझुनू- 31 मई। अनुसूचति जाति जनजाति अत्याचार निवारण प्रकरण की विशिष्ट न्यायाधीश सरिता नौशाद ने मंगलवार को षड़यंत्रपूर्वक अपने पति की हत्या के आरोप में मंजू देवी पत्नी रोशन मेघवाल निवासी मुरादपुर थाना सिंघाना और उसके प्रेमी युसूफ पुत्र बरकत अली धोबी निवासी वार्ड नंबर 3 बुहाना को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने उस पर 20-20 हजार रूपए अर्थदंड से भी दंडित किया है।
मामले के अनुसार 18 अक्टूबर 2016 को सुरेश कुमार पुत्र गणेशराम मेघवाल निवासी मुरादपुर थाना सिंघाना ने केसीसी अस्पताल खेतड़ी नगर में पुलिस को रिपोर्ट दी कि उसका भाई रोशन 17 अक्टूबर 2016 को घर से दिन में गया था। जिसकी लाश 18 अक्टूबर को सुबह मुरादपुर नदी में सड़क पर पड़ी मिली तथा उसके भाई के शरीर पर भयंकर चोटों के निशान है। रिपोर्ट में बताया कि उसके भाई की पत्नी मंजू देवी के युसूफ खान निवासी बुहाना व दो-तीन अन्य व्यक्ति भैसावता खुर्द के साथ अवैध संबंध थे। इस बात को लेकर उसके भाई व उसकी पत्नी के बीच रोज झगड़ा चलता था तथा उन्हें शक है कि उसके भाई की औरत ने उक्त लोगों के साथ मिलकर उसके भाई की हत्या की है ।
पुलिस ने इस रिपोर्ट पर हत्या का मामला दर्ज कर बाद जांच मंजू देवी पत्नी रोशन मेघवाल निवासी मुरादपुर थाना सिंघाना के विरूद्ध षंड़यंत्रपूर्वक अपने पति की हत्या तथा युसूफ पुत्र बरकत अली धोबी निवासी वार्ड नंबर 3 बुहाना के विरूद्ध हत्या व जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में चालान पेश कर दिया। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे विशिष्ट लोक अभियोजक मोहम्मद रफीक ने न्यायालय में इस मामले में 26 गवाहान के बयान करवाए तथा 80 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए। विशिष्ट लोक अभियोजक रफीक ने न्यायालय में तर्क दिया कि अवैध संबंधों में रोड़ा बन रहे रोशन को मारने का मंजू व युसूफ ने षड़ंयत्र कर रोशन की हत्या कर दी तथा गवाहों के बयानों से मामला पूर्णत: सिद्ध है। विशिष्ठ न्यायाधीश ने पत्रावली पर आई साक्ष्य का बारिकी से विश्लेषण करते हुए मंजू व यूसूफ को उक्त सजा के साथ-साथ धारा 201/120बी में और पांच वर्ष का साधारण कारावास व पांच हजार रूपये अर्थदंड की सजा देते हुए दोनो सजाएं साथ-साथ भुगतने का आदेश दिया। इस मामले में न्यायाधीश ने आरोपी युसूफ को अनूसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के आरोप से बरी कर दिया।